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उत्तरकाशी: विश्व पर्वत दिवस पर महिलाओं को किया गया सम्मानित - International Mountain Day

हर साल 11 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस मनाया जाता है. पहाड़ों का संरक्षण करते हुए सतत विकास को प्रोत्साहित करना ही इस दिवस को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य है. इस मौके पर असीगंगा घाटी में विशेष कार्यक्रम(Special program in Ashiganga Valley) आयोजित किया गया.

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International Mountain Day पर महिलाओं को किया गया सम्मानित

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Published : Dec 11, 2022, 9:23 PM IST

उत्तरकाशी: असीगंगा घाटी के कफलौं में पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर संवाद के दृष्टिकोण से अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस पर इस वर्ष की थीम 'वूमेन मूव माउंटेन्स' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने कहा पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक और आर्थिक विकास में महिलाओं का विशेष योगदान है. महिलाएं पर्वतीय संसाधनों के प्राथमिक प्रबंधक, जैव विविधता के संरक्षक, पारंपरिक ज्ञान के रखवाली, स्थानीय संस्कृति के संरक्षक और पारंपरिक चिकित्सा के लिए जानकार होती हैं.

इस अवसर असीगंगा घाटी की 11 विशिष्ट महिलाओं सहित प्रगति से प्रकृति के संदेश को लेकर पद्मभूषण डॉ अनिल जोशी के साथ भारत के सात राज्यों में पर्यावरण संरक्षण के लिए उतरकाशी जनपद से साइकिल यात्रा में शामिल रही टीम के सदस्य श्रुति रावत, दीपिका कैंतुरा, विशेश्वर डंगवाल को पर्वत रत्न सम्मान प्रदान किया. साथ ही ग्राम पंचायत थाती धनारी में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला प्रधान तनुजा चौहान, गोरसाली में प्रधानमंत्री कृषक पुरस्कार प्राप्त काश्तकार जगमोहन चौहान, वरुणावत पर्वत में श्याम स्मृति वन के संस्थापक प्रताप सिंह पोखरियाल सहित जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान करने वाले व्यक्तियों को पर्वत रत्न एवं 'पर्वतश्री' सम्मान प्रदान किया गया.

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राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली के छात्रों ने पर्वत दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और संगोष्ठी में प्रतिभाग किया. जिन्हें एनआईम के सेवानिवृत्त मुख्य अनुदेशक जगमोहन रावत और अतिथियों द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया.

क्या है इतिहास: पहाड़ों के संरक्षण को लेकर दुनिया का ध्यान 1992 में गया, जब पर्यावरण और विकास पर UN सम्मेलन में एजेंडा 21 के अध्याय 13 "नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन: सतत पर्वतीय विकास" पर जोर दिया गया. इस तरह के व्यापक समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया. इस घोषणा के बाद पहली बार 11 दिसंबर 2003 को पहला अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया गया था. इसके बाद से इस खास दिवस को मनाने की परंपरा चली आ रही है.

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अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस का महत्व: अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस ने पहाड़ों की पारिस्थितिकी के मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए अहम भूमिका निभाई. इसका असर पर्वतीय पर्यटन (Mountain Tourism) पर भी पड़ता है. उसी का नतीजा है कि पिछले कुछ सालों में पर्वतीय पर्यटन की लोकप्रियता में इजाफा देखा गया है. ये वहां रहने वाले लोगों के लिए आर्थिक महत्व रखता है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद मिलती है.

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