उत्तरकाशी: आज के दौर में जब शिक्षा और शिक्षक दोनों ही अपने असल मकसद से भटक गये हों ऐसे में विरले ही कुछ कहानियां सामने आती हैं जो इन दोनों ही शब्दों असल मायने दे सके. ऐसी ही एक कहानी को साकार करती कुछ तस्वीरें ईटीवी भारत के पास उत्तरकाशी से पहुंची. इन तस्वीरों में स्कूली बच्चे और ग्रामीण एक युवक से लिपटकर रोते नजर आए. जब हमने इन तस्वीरों की सच्चाई जानी तो पाया कि ये आंसू अपने प्रिय शिक्षक और सुख-दुख में सभी का साथ देने वाले आशीष डंगवाल के लिये हैं. आशीष का ट्रांसफर टिहरी हो गया है लेकिन ये गांव नहीं चाहता कि उनका 'बेटा' उन्हें छोड़कर जाए.
इनदिनों अच्छे शिक्षकों का होना भी किस्मत माना जाता है. ऐसे में एक टीचर उत्तरकाशी की केलशु घाटी के राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में पढ़ने वाले छात्रों को भी मिले. शिक्षक का नाम है आशीष डंगवाल. आशीष पिछले 3 सालों से इस स्कूल में बतौर सहायक अध्यापक पढ़ा रहे हैं. जब उन्होंने गांववालों को बताया कि वह प्रवक्ता बन गए हैं और उनको गांव छोड़कर जाना होगा तो पूरा गांव उनकी विदाई पर अपने आंसू नहीं रोक पाया. डंगवाल एक ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने अपने कामों से छात्रों और ग्रामीणों की आंखों को नम कर दिया.
रुद्रप्रयाग निवासी सहायक अध्यापक आशीष डंगवाल ने बुधवार को भंकोली गांव के ग्रामीणों और राजकीय इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को बताया कि उनका चयन प्रवक्ता पद के लिए टिहरी जिले के गड़खेत में हो गया है. अब उन्हें गांव छोड़कर जाना पड़ेगा. यह सुनते ही पूरा गांव रो पड़ा.
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