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उत्तरकाशी में डंडी कंडी के सहारे 'जिंदगी', न जाने कब खत्म होगा पहाड़ का 'दर्द' - बदहाल स्वास्थ्य सुविधा उत्तरकाशी

पहाड़ के दूरस्थ गांवों की खूबसूरती हर किसी को अपनी और खींचती है, लेकिन इस खूबसूरती के पीछे का दर्द क्या होता है, ये शायद आप नहीं जानते होंगे. पहाड़ में जीवन कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के दोणी गांव के हालात से लगा सकते हैं. जहां एक घायल बुजुर्ग महिला को ग्रामीण करीब 4 किमी पैदल अपने कंधों पर ढोकर सड़क तक लाए. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया.

Villagers Took Injured Woman to Hospital on Dandi
डंडी कंडी के सहारे जिंदगी

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Published : Jul 9, 2023, 5:46 PM IST

Updated : Jul 9, 2023, 10:07 PM IST

महिला को अस्पताल ले जाने के लिए डंडी कंडी का सहारा

उत्तरकाशीःनौगांव विकासखंड के दोणी गांव में मवेशियों को चुगाने गई एक बुजुर्ग महिला पहाड़ी से फिसलकर गिर गई. जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गईं. ग्रामीण किसी तरह से महिला को गांव तक लाए. इसके बाद ग्रामीणों के सामने घायल महिला को सड़क तक पहुंचाने की समस्या खड़ी हो गई. ऐसे में ग्रामीणों ने महिला को डंडी कंडी पर लादकर करीब 4 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जहां से इलाज के लिए देहरादून ले जा गया.

घायल महिला को कंधों पर लादकर अस्पताल ले जाते ग्रामीण

दरअसल, दोणी गांव की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला भगवान देई अपने मवेशियों को चुगाने पास के ही जंगल गई थी. जहां पर अचानक पहाड़ी से उनका पांव फिसल गया और वो गंभीर रूप से घायल हो गईं. हादसे में महिला के पैर भी फैक्चर हो गए. आस पास अन्य चरवाहों ने किसी तरह से उन्हें घर तक पहुंचाया, लेकिन गांव में सड़क की सुविधा न होने से घायल बुजुर्ग महिला को अस्पताल ले जाने में ग्रामीणों को काफी पसानी बहाना पड़ा. ग्रामीण घायल महिला को लेकर डंडी कंडी से करीब 4 किमी दूर सड़क मार्ग तक ले गए. जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए देहरादून ले जाया गया.
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दोणी गांव के कृष्णा बर्तवाल, मनवीर सिंह, शीशपाल, बलदेव, इस्मत, रविंद्र, दिनेश असवाल आदि का कहना है की कई बार सड़क के लिए विभागों को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं है. सड़क मार्ग के अभाव में कई गर्भवती महिलाएं अपनी जान गंवा चुकी हैं. हाल में ही बीती 15 मई को गांव के ही एक व्यक्ति श्याम सिंह बर्थवाल को हार्ट अटैक आया था. जब तक गांव वाले उन्हें सड़क मार्ग तक पहुंचाते, तब तक वो दम तोड़ चुके थे.

उत्तरकाशी में डंडी कंडी के सहारे 'जिंदगी'

बता दें कि दोणी गांव का आधा हिस्सा पुरोला और नौगांव दोनों विकासखंड में आता है. बावजूद उसके दोणी गांव आज तक सड़क मार्ग से अछूता है. गांव में करीब 35 से 40 परिवार रहते थे, जो सड़क मार्ग न होने के कारण पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, आधा गांव वालों का विकासखंड नौगांव और तहसील बड़कोट है तो आधा गांव वालों का विकासखंड और तहसील पुरोला पड़ती है. बावजूद इसके सड़क जैसी मुख्यधारा से ग्रामीण अभी भी वंचित है.

उत्तरकाशी नगर
Last Updated : Jul 9, 2023, 10:07 PM IST

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