क्षतिग्रस्त ट्राली के सहारे उफनती भागीरथी पार रहे स्यूणा के ग्रामीण. उत्तरकाशी:भारी बारिश के कारण उत्तराखंड प्रदेश का हर जिला प्रभावित है. सबसे अधिक नुकसान पहाड़ी जिलों में हो रहा है. सीमांत उत्तरकाशी जिले से भी ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं. इसी बीच जिला मुख्यालय से महज चार किमी की दूरी पर स्थित स्यूणा गांव के लोग जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी को क्षतिग्रस्त ट्राली के सहारे पार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पैदल मार्ग भारी बारिश के कारण बह गया है और कई बार शिकायत के बाद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे हैं.
क्षतिग्रस्त पुल की अस्थायी मरम्मत करते ग्रामीण. ग्रामीणों के बताया कि सड़क और पैदल मार्ग निर्माण के लिए ग्रामीणों ने गंगोत्री हाईवे भी जाम किया था जिसके बाद लोनिवि के अधिकारियों ने मात्र निरीक्षण किया और अब कोई पूछने भी नहीं आ रहा है. शायद जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.
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ग्रामीण रमेश भट्ट, प्रवीन तिवारी और वीरेंद्र असवाल का कहना है कि उनका पैदल मार्ग भागीरथी नदी के बढ़े जलस्तर में डूब गया है. वहीं, नदी को पार करने के लिए लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी ने दो वर्ष पहले हस्तचलित ट्राली लगाई थी, जो अब जर्जर हो चुकी है. तीन दिन पहले नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी ट्राली से टकरा रहा था. इस सब के बीच ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने जान जोखिम में डालकर ट्राली पर आवाजाही करनी पड़ रही है. ट्राली खींचते हुए कई लोगों को चोटें भी आई हैं.
क्षतिग्रस्त ट्राली को ठीक करते ग्रामीण. उफनती भागीरथी नदी को पार करते ग्रामीण. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है, जिस कारण ग्रामीण स्वयं संसाधन जुटाकर ट्राली की मरम्मत कर आवाजाही को सुचारू करने की कोशिश कर रहे हैं. उधर, आपदा प्रबंध अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि स्यूणा गांव के लिए लगी ट्राली के संबंध में लोनिवि के अधिकारियों को सूचना दी गई. वहां शीघ्र ही पीआरडी के जवान की तैनाती भी की जाएगी, जिससे ग्रामीणों को दिक्कतें न हो.