उत्तरकाशीःसीमात जनपद उत्तरकाशी आपदा के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील जिला है. यह जिला साल 2012-13 की आपदा से पहले भी कई बड़ी आपदाओं को झेल चुका है. आज भी जिले में कई गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामीणों को मॉनसून सीजन आते ही आपदा का खौफ सताने लगता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज भी कई गांव का विस्थापन सर्वे के बाद भी नहीं हो पाया है. जिसमें भटवाड़ी ब्लॉक का कुज्जन गांव भी शामिल हैं. जो करीब 10 से 12 सालों से विस्थापन की बाट जोह रहा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. जिस कारण बरसात में ग्रामीण डरे सहमे रहते हैं.
कुज्जन गांव के प्रधान महेश पंवार का कहना है कि गांव में करीब 90 परिवार रहते हैं. साल 2010-11 में ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन की ओर से गांव के विस्थापन के लिए सर्वे किया गया था, लेकिन उसके बाद से आज तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पाई है. गांव की अधिकांश जनसंख्या जिस भाग में निवास करती है, वह पूरी तरह स्लाइडिंग जोन में है. जिससे बरसात में लगातार भू-धंसाव और भूस्खलन का खतरा बना रहता है.