उत्तरकाशी: लौंथरू गांव की सविता कंसवाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर जिले और राज्य का मान बढ़ाया है. सविता ने नेपाल की एक एक्सपीडिशन कंपनी की मदद से तीन अन्य साथियों के साथ बीते बृहस्पतिवार सुबह माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण किया.
सविता कंसवाल ने एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की फतह
उत्तराखंड की बेटी सविता कंसवाल ने देश का नाम रोशन किया है. सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर फतह हासिल की है. 25 साल की सविता इससे पहले माउंट ल्होत्से फतह कर चुकी हैं. सविता की उपलब्धि से उत्तराखंड के साथ देश में खुशी है.
किसान परिवार में जन्मी सविता कंसवाल (25) का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. चार बहिनों में सबसे छोटी सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी ने खेती बाड़ी से ही परिवार का पालन पोषण किया. सविता ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. उन्हें बचपन से ही साहसिक खेलों का शौक रहा. सविता ने 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया. जिसके कुछ समय बाद एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया.
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नेपाल की एक्सपीडिशन कंपनी के ओनर बाबू सेरपा ने सोशल मीडिया पर सविता के सफल आरोहण की जानकारी देते हुए बताया कि बीते बृहस्पतिवार की सुबह 6 बजे सविता ने टीम लीडर जय कोल्हटकर, फूरबा शेरपा और ओच्यू शेरपा के साथ माउंट एवरेस्ट फतह किया. इससे पूर्व सविता गंगोत्री हिमालय क्षेत्र नामचीन चोटियों के साथ ही दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) भी फतह कर चुकी हैं.