उत्तरकाशीःनेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के नाम एक नई उपलब्धि दर्ज हो गई है. उसके पांच सदस्यीय दल ने फ्रांस की पर्वतारोहण संस्थान सेंटर नेशनल डिस्ट्रिक्शन डी स्किट डी-एलपिनिसिमी के 7 सदस्यीय दल के साथ फ्रांस की सबसे ऊंची चोटी माउंट ब्लैंक का सफल आरोहण किया.
इस आरोहण की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समिट के बाद इस चोटी पर निम की टीम ने फ्रांस के पर्वतारोही दल के साथ विदेशी हेली रेस्क्यू की बारीकियों को सीखा और 4,810 मीटर की ऊंचाई पर निम की टीम ने हेली रेस्क्यू का प्रशिक्षण लिया. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि हर वर्ष उनके संस्थान और फ्रांस के सीएनआईएसएजी संस्थान के बीच पर्वतारोहण की बारीकियों और कोर्स का आदान-प्रदान होता है.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने गाड़े सफलता के झंडे. यह भी पढ़ेंः मसूरी: बिजली और पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण, अधिकारी नहीं ले रहे सुध
साथ ही रेस्क्यू और खोज बचाव की बारीकियों का एक दूसरे संस्थान के पर्वतारोहियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. इसी क्रम में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल सूबेदार मणिराम राय, चत्तर सिंह सहित गिरीश रानाकोटी और विनोद गुसाई 15 अक्टूबर को फ्रांस के सिमोनी पहुंचे, जहां से निम की टीम सीएनआईएसएजी की 7 सदस्यीय दल के साथ फ्रांस की सबसे ऊंची चोटी 4,810 मीटर माउंट ब्लैंक के आरोहण के लिए रवाना हुई.
कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि 22 अक्टूबर को उनकी पांच सदस्यीय टीम ने फ्रांस की 7 सदस्यीय टीम कुल 12 पर्वतारोहियों ने माऊंट ब्लैंक का सफल आरोहण किया. वहीं उसके बाद नेहरु पर्वतारोहण संस्थान की टीम ने 4,810 मीटर की ऊंचाई पर फ्रांस के हेलीकॉप्टर से रेस्कयू का प्रशिक्षण लिया.
बिष्ट ने कहा कि हेलीकॉप्टर रेस्क्यू की जो बारीकियां निम की टीम ने सीखी हैं वह भारत में आपातकालीन समय या आपदा में कई लोगों की जान बचाने के लिए कारगर साबित होंगी.