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उत्तरकाशी में दो तीर्थयात्रियों की मौत, गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा में 57 लोगों की थम चुकी हैं सांसें - पराग भूपति की मौत

उत्तरकाशी में आज दो तीर्थयात्रियों की सांसें थम गई. जिसमें यमुनोत्री धाम की यात्रा में आए गुजरात के 40 वर्षीय पराग भूपति की मौत हो गई. जबकि, गंगोत्री धाम के दर्शन कर लौटे महाराष्ट्र के शरद हरिभवन भट्ट की हृदय गति रुकने से जान चली गई.

Pilgrims Died in Uttarkashi
तीर्थयात्रियों की मौत

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Published : Sep 16, 2022, 9:59 PM IST

उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) चल रही है. इसके साथ ही तीर्थयात्रियों की मौत का सिलसिला भी जारी है. आज यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के दर्शन को आए दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है. अभी तक दोनों धामों में 57 तीर्थयात्री जान गंवा चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक, यमुनोत्री धाम की यात्रा (Yamunotri Dham Yatra) के दौरान बड़कोट में पराग भूपति जादव (उम्र 40 वर्ष) पुत्र भूपति जादव, निवासी मुख्य बाजार अमरेली, जिला अमरेली, गुजरात की हृदय गति रुकने से मौत हो गई. जबकि, चिन्यालीसौड़ के पीपलमंडी स्थित एक होटल में शरद हरिभवन भट्ट (उम्र 62 वर्ष) पुत्र हिरभाव, निवासी पुणे, महाराष्ट्र की भी हृदय गति रुकने से मौत (Pilgrims Died in Uttarkashi) हुई है.

बता दें कि बीते रोज गंगोत्री धाम में दर्शन कर वापस लौट रहे गुजरात के तीर्थयात्री की मौत हो गई थी. जहां तीर्थयात्री महेश भाई पटेल (उम्र 55 वर्ष) निवासी बड़ौदा गुजरात अपनी पत्नी ईला बेन और भाई दिलीप भाई पटेल के साथ चारधाम की यात्रा पर आया था. यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में हृदयाघात से अब तक 57 तीर्थयात्रियों की मौत (Chardham pilgrims died) हो चुकी है. गंगोत्री धाम में 15 और यमुनोत्री धाम में अब तक 42 तीर्थयात्री दम तोड़ चुके हैं.
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यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीःचारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को अपने स्वास्थ्य की खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. पहाड़ों में पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है. ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. ऐसे में तीर्थयात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए.

इसके अलावा जो तीर्थयात्री चारधाम पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थयात्रियों को ऐसा नहीं करना चाहिए है. तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, बरसाती, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था रखें.

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