उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तरकाशी: कुज्जन गांव के दो भाई कई महीनों से बच्चों को पढ़ा रहे फ्री ट्यूशन - two brothers of Kujjan village in Uttarkashi giving education to children

कुज्जन गांव के दो भाइयों ने अपने ज्ञान से बच्चों को राह दिखाने का फैसला किया. जिसके बाद ये दोनों भाई गांव के बच्चों की पढ़ाई में मदद कर रहे हैं. दोनों भाई मिलकर गांव के बच्चों को हर दिन शाम को निःशुल्क ट्यूशन पढ़ा रहे हैं. .

two-brothers-of-kujjan-village-in-uttarkashi-giving-education-to-children
दो भाई चार महीने से बच्चों को पढ़ा रहे मुफ्त ट्यूशन

By

Published : Jul 5, 2020, 7:06 PM IST

उत्तरकाशी: कोरोना काल में संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है. स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण छात्र-छात्राओं को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कुज्जन गांव के स्थानीय युवाओं ने इस नाजुक दौर में बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है. भटवाड़ी विकासखंड के कुज्जन गांव के दो भाई पिछले चार महीने से अपने गांव के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा रहे हैं.

दो भाई चार महीने से बच्चों को पढ़ा रहे फ्री ट्यूशन.
लॉकडाउन के बाद देश भर के छात्रों की तरह की कुज्जन गांव के बच्चों की भी पढ़ाई प्रभावित हुई है. कुज्जन गांव में नेटवर्क की समस्या के साथ ही कई ऐसी परेशानियां हैं जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. ऐसे में बच्चों को पढ़ाने जिम्मा यहां के दो भाइयों ने लिया है. कुज्जन गांव के धीरज पंवार और अमित पंवार पिछले चार महीने से गांव में रहकर ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

पढ़ें-कोटद्वार: मूसलाधार बारिश में बही सड़क, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

वैसे ये दोनों भाई अभी ग्रेजुएशन कर रहे हैं. इस नाजुक दौर में दोनों भाइयों ने अपने ज्ञान से बच्चों को राह दिखाने का फैसला किया. जिसके बाद ये दोनों भाई गांव के बच्चों की पढ़ाई में मदद कर रहे हैं. दोनों भाई मिलकर गांव के बच्चों को हर दिन शाम को निःशुल्क ट्यूशन पढ़ा रहे हैं. वे बच्चों के सिलेबस को पढ़ाने के साथ ही उसे पूरा करवाने में लगे हैं.

पढ़ें-श्रीनगर: अलकनंदा नदी के बीच में फंसा बुजुर्ग, जल पुलिस बनी 'देवदूत'

कुज्जन गांव के युवक धीरज पंवार ने Etv Bharat से बातचीत में बतया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने देखा कि गांव में नेटवर्क न होने के कारण बच्चे ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में दोनों भाइयों ने बच्चों की मदद का फैसला किया. धीरज ने बताया पहले उन्होंने सरकारी विद्यालय के आंगन में भी बच्चों को निःशुल्क ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया था लेकिन सरकारी विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया गया. जिसके बाद इन्होंने गांव में अन्य स्थानों पर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details