उत्तरकाशी: सूबे की डबल इंजन सरकार भले ही पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा करती हो, लेकिन स्थिति बिल्कुल उलट है. प्रदेश सरकार के एलोपैथिक अस्पताल वॉर्ड बॉय के भरोसे संचालित किए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर भवन का किराया न मिलने पर भी अब दूरस्थ आराकोट-बंगाण क्षेत्र का टिकोची अस्पताल बन्द होने की कगार पर है. हैरान करने वाली बात यह है कि सीएमओ तक को यहां डॉक्टर न होने की सूचना नहीं है.
अगस्त 2019 में आराकोट-बंगाण क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा ने इस कदर कहर बरपाया की राजकीय एलोपैथिक अस्पताल टिकोची का भवन भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया था. उसके बाद एक किराए के भवन में अस्पताल का संचालन शुरू हुआ, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को भूल गया. स्थानीय लोगों के अनुसार अभी तक भवन का किराया भी नहीं दिया गया है. जिस कारण अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच गया है.
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