उत्तरकाशी:आदर्श रामलीला समिति की ओर से'गढ़वाली बोली मा रामलीला' की पहल शुरू की गई है. समिति के पदाधिकारियों और कलाकारों की ओर से दो चरणों में कार्य पूर्ण कर किया गया है. वहीं, अब तीसरे चरण के तहत कार्य प्रारंभ किया गया है. तीसरे चरण में गढ़वाली बोली में संकलित रामलीला के गद्य-पद्य सहित चौपाई और संवादों को सावणी और गंगाड़ी लोक भाषा में लयबद्ध किया जा रहा है. इसके बाद रामलीला समिति की ओर से जिले में रामलीला का मंचन पहली बार गढ़वाली बोली में किया जाएगा.
श्री आदर्श रामलीला समिति उत्तरकाशी की 'गढ़वाली बोली मा रामलीला'की पहल से स्थानीय लोग भी जुड़कर अपनी सहभागिता दर्ज करा रहे हैं. इसी कड़ी में मनेरी निवासी आईटीबीपी से सेवानिवृत्त सहायक सेनानी स्व. मान सिंह चौहान की पुण्य स्मृति में उनके परिजनों की ओर से इस पहल की तीसरी कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इस कार्यशाला में रामलीला की सभी विधाओं को लय और सुरबद्ध किया जा रहा है. समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अब तक हर स्थान पर रामलीला का मंचन हिन्दी भाषा में ही होता रहा है. लेकिन अब प्रयास ये है कि रामलीला का मंचन गढ़वाली लोकबोली में भी किया जाए.