उत्तरकाशी:खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami Deem Project) की ड्रीम योजना को जिला खेल विभाग पलीता लगाने में जुटा है. बच्चों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के चेक भी गलत नाम व गलत राशि के भेजे जा रहे हैं. जिसको सही करने के लिए अभिभावकों को 100 किलोमीटर की दूरी तय कर यमुनाघाटी से उत्तरकाशी मनेरा के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. विभाग की लापरवाही से अभिभावक खफा हैं.
खेल विभाग CM के डीम प्रोजेक्ट को लगा रहा पलीता, गलत चेक भेजने से परिजन परेशान - डीम प्रोजेक्ट
खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami Deem Project) की ड्रीम योजना को जिला खेल विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा है. खेल विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से कई बच्चों के नाम के गलत चेक, गलत राशि के भेज दिए गए. यमुनाघाटी से पहले उत्तरकाशी और वहां से पैदल मनेरा स्टेडियम के चक्कर काटने को अभिभावक मजबूर हैं.
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने को लेकर स्कूल स्तर के खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन राशि 4500 रुपए की मुख्यमंत्री उदयमान छात्रवृत्ति योजना (Mukhymantri Udayman Khiladi Unnayan Yojana ) शुरू की. स्कूली छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन भी किया. लेकिन खेल विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से कई बच्चों के नाम के गलत चेक, गलत राशि के भेज दिए गए. यमुनाघाटी से पहले उत्तरकाशी और वहां से पैदल मनेरा स्टेडियम के चक्कर काटने को अभिभावक मजबूर हैं. उक्त मामले की शिकायत परिजनों ने जिलाधिकारी से भी की है. उसके बाबजूद भी खेल अधिकारी के कार्य प्रणाली पर असर नहीं पड़ा. अभिभावक दीपक का कहना है कि उनकी बालिका को अच्छे प्रदर्शन पर 4500 रुपए का चेक मिला था. उसमें राशि गलत लिखी गई है.
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इस कारण बैंक ने चेक लेने से मना कर दिया. खेल अधिकारी से बात की तो उन्होंने चेक वापस मंगवाते हुए नया चेक भेजने को कहा था. लेकिन आजतक चेक नहीं मिला. सामाजिक चेतना की बुलंद आवाज जय हो ग्रुप ने मुख्यमंत्री, खेल मंत्री व जिलाधिकारी उत्तरकाशी से इस मामले में जांच करवाने सहित लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. ग्रुप के संयोजक सुनील थपलियाल ने बताया कि खेल अधिकारी बच्चों व अभिभावकों का उत्पीड़न कर रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कहा कि बच्चों के अभिभावकों को यमुना घाटी से 100 किलोमीटर की दूरी तय कर उत्तरकाशी पहुंचना पड़ रहा है जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने शीघ्र ही कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.