उत्तरकाशीः'चल घूमी ओंला गेल्या ऊंचा टकनौरा, तख ध्यानियों कु थो सेलकु त्योहारा...'यह लोकगीत टकनौर क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. यह लोकगीत यहां के सेलकु मेले पर बना है, जो इन दिनों मेलों में खूब छाया हुआ है. यह मेला सोमेश्वर देवता को समर्पित है. इस मेले में देवपश्वा डांगरियों (छोटी कुल्हाड़ी) के ऊपर चलकर अपना आसन लगते हैं. वहीं, ग्रामीण भगवान सोमेश्वर को ब्रह्मकमल का प्रसादचढ़ाते हैं. जबकि, सुसराल से मायके आई बेटियां भगवान सोमेश्वर को अपनी भेंट देती हैं और आशीर्वाद लेती हैं.
उत्तरकाशी जिले में उपला टकनौर समेत टकनौर और मोरी विकासखंड के ऊंचाई वाले गांवों के आराध्य देव सोमेश्वर देवता के पौराणिक सेलकु मेले का समापन हो गया है. मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में भी सेलकु मेले का आयोजन हुआ. मुखबा गांव में आयोजित दो दिवसीय सेलकु मेले में जहां पहली रात ग्रामीणों ने भेलों को घुमाकर और देवडोली के साथ रासो तांदी लगाया तो वहीं, दूसरे दिन ब्रह्मकमलके साथ भगवान सोमेश्वर की पूजा की गई. उसके बाद सोमेश्वर देवता पश्वा पर अवतरित हुए और डांगरियों के ऊपर अपना आसन लगाकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी की.