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1984 में अटल जी को गंगोत्री से मिला था पीएम बनने का आशीर्वाद - अटल जी गंगोत्री से जुड़ी यादे

अटल जी की बहुत सी यादे उत्तराखंड से जुड़ी हुई है. उत्तराखंड से उनका गहरा नाता था. रविवार को उनकी दूसरी पुण्यतिथि में प्रदेशभर में उन्हें याद किया गया.

अटल जी
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Published : Aug 16, 2020, 4:51 PM IST

Updated : Aug 16, 2020, 6:25 PM IST

उत्तरकाशी: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्यतिथि पर आज देश उन्हें और उनके कार्यों को याद कर रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी का हर वर्ग और क्षेत्र से जुड़ाव था. हर कहीं वह अपनी यादों की मिठास छोड़ गए थे. इसी प्रकार की अविस्मरणीय यादें अटल जी की उत्तरकाशी और गंगोत्री धाम से जुड़ी हुई हैं, जो उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले की हैं.

जनसंघ से जुड़े लोगों ने उनकी पुण्यतिथि पर अटल जी की यादों को साझा करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी गंगोत्री धाम मंदिर समिति के तत्कालीन सचिव और पुरोहित ने कर दी थी. जिन्हें अटल जी ने पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता भी भेजा था. साथ ही उत्तराखंड अलग राज्य की परिकल्पना भी उन्होंने उत्तरकाशी में ही की थी.

अटल जी को गंगोत्री से मिला था पीएम बनने का आशीर्वाद

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जनसंघ से जुड़े और चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उनसे जुड़ी यादों को ताजा किया और अटल जी को श्रद्धांजलि दी. सूरतराम नौटियाल ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी यादों को साझा करते हुए कहा कि वह पहली बार 1984 में सांसद का चुनाव हारने के बाद उत्तरकाशी दौरे पर आए. तब उन्होंने भटवाड़ी में रात्रि विश्राम किया था, इसके बाद वे हर्षिल होते हुए गंगोत्री धाम गए थे. गंगा जी के पूजा-अर्चना करने के बाद अटल जी ने गंगोत्री मन्दिर समिति के तत्कालीन सचिव और पुरोहित स्व. कमलेश सेमवाल को जब दक्षिणा देनी चाहिए तो उन्होंने लेने से मना कर दिया. तभी उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अटल जी एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.

नौटियाल ने बताया कि 1984 में अटल जी ने भटवाड़ी और उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में एक जनसभा भी की थी, तब उन्होंने कहा था कि अगर मौका मिला तो वे पहाड़ का एक अलग राज्य उत्तरांचल बनाएंगे. जिसकी परिकल्पना अटल जी ने पूरी की.

सूरतराम नौटियाल ने कहा कि उत्तरकाशी दौरे के करीब 12 साल बाद अटल जी 1996 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले भविष्यवाणी करने वाले गंगोत्री धाम के पुरोहित को शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता भेजा था. हालांकि पुरोहित कार्यक्रम में नहीं जा पाए थे, लेकिन उन्होंने भोजपत्र पर अटल जी को पत्र भेजा और बधाई में गंगा जी का आशीर्वाद दिया था.

Last Updated : Aug 16, 2020, 6:25 PM IST

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