उत्तरकाशी: पहाड़ के लोगों और प्रकृति के बीच एक बहुत ही भावनात्मक और गहरा संबंध युगों-युगों से चला आ रहा है. आज भी पहाड़ में हर खुशी के मौके पर पेड़-पौधों और मवेशियों की पूजा अर्चना की जाती है. जीव सहित फसलों की सुख समृद्धि के लिए देवी देवताओं की पूजा की जाती है. ऐसे ही गहरे संबंध का प्रतीक है, वरुणाघाटी के अंतिम उपरिकोट गांव में मनाया जाने वाला भेड़ों का तमाशा मेला, जो कि भगवान समेश्वर देवता के सानिध्य में मनाया जाता है.
उपरिकोट निवासी महावीर सिंह नेगी ने बताया कि हर तीसरे वर्ष गांव में भेड़ों के तमाशे मेले का आयोजन किया जाता है. बीते गुरुवार और शुक्रवार को ऊपरीकोट गांव में दो दिवसीय भेड़ों का तमाशे मेले का आयोजन किया गया. इस दिन भेड़ पालक अपनी सैकड़ों भेड़ों को बुग्यालों से लेकर उपरिकोट गांव के समेश्वर देवता मंदिर में पहुंचते हैं, जहां पर भगवान समेश्वर की विधिवत पूजा अर्चना के बाद भेड़ पालक भेड़ बकरियों की वृद्धि और समृद्धि की कामना करते हैं.