उत्तरकाशीःचारधाम यात्रा के दौरान गंगोत्री हाईवे पर आस्था के कई रंग और रूपदेखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक आस्था का रंग इन दिनों देखने को मिल रहा है. जहां राजस्थान के एक संत नवलगिरी महाराज विषम परिस्थितियों में गंगोत्री धाम से रामेश्वरम के लिए कठिन कनक दंडवत यात्रा पर निकले हैं. उनकी इस आस्था को देखते लोग अचंभित और हैरान हो रहे हैं. उन्होंने इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश की शांति और खुशहाली की कामना बताया है.
गंगोत्री से रामेश्वरम तक कठिन कनक दंडवत यात्रा पर निकले संत नवलगिरी, आस्था देख लोग हैरान
कहते हैं आस्था से बड़ी कोई भक्ति नहीं है. ऐसा ही एक नजारा गंगोत्री हाईवे पर देखने को मिल रहा है. जहां राजस्थान के संत नवलगिरी महाराज गंगोत्री धाम से रामेश्वरम तक अनोखी और कठिन कनक दंडवत यात्रा पर निकले हैं. मौसम की तमाम चुनौतियों के बीच कनक दंडवत यात्रा कर आगे बढ़ रहे हैं. उनकी अटूट आस्था देख लोग भी हैरान हैं.
दरअसल, राजस्थान के करौली से एक 34 वर्षीय संत नवलगिरी महाराज 3600 किलोमीटर की कठिन कनक दंडवत यात्रा पर निकले हैं. यह बाबा देश में खुशहाली शांति और गंगा को स्वच्छ निर्मल रखने के संदेश के साथ इस कठिन यात्रा पर निकला है. उनकी यह कनक दंडवत यात्रा बीती 14 अप्रैल को गंगोत्री धाम से शुरू हुई. जो करीब एक साल बाद तमिलनाडु के रामेश्वरम में जाकर खत्म होगी. यहां कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच बाबा की अटूट आस्था देखते ही बन रही है.
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बाबा नवलगिरी महाराज की इस यात्रा में उनका साथ उनके बुजुर्ग शिष्य दे रहे हैं. बीते 20 दिनों में उनकी यह यात्रा 70 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है. इस बीच बाबा के शरीर पर घाव भी देखने को मिल रहे है. यह यात्रा जिन-जिन पड़ाव से होकर निकल रही है, वहां मौजूद श्रद्धालु और लोग भक्ति का नजारा देख हैरान हैं. लोग उनके आशीर्वाद भी लेते नजर आ रहे हैं.