उत्तरकाशी: भारत चीन सीमा पर चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव के राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं. उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर बुधवार को गांव लाया जाएगा. जहां पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वो अपने घर के इकलौते चिराग थे.
नीति घाटी में हुआ हादसा:जानकारी के मुताबिक, भारत चीन सीमा पर नीति घाटी की गोल्डुंग पोस्ट में तैनात गढ़वाल स्काउट के राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत बीती रोज अपने साथियों के साथ गश्त पर थे. तभी उनके साथ हादसा हो गया और वीरगति को प्राप्त हो गए. सैन्य अधिकारियों ने राइफलमैन शैलेंद्र के वीरगति को प्राप्त होने की सूचना फोन से जैसे ही उनके परिजनों को दी, वैसे ही गांव और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई.
राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत (फाइल फोटो)
बर्फ की चपेट में आने से हुआ निधन, हाल ही में हुई पिता की मौत:बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र कठैत के चाचा अतर सिंह कठैत के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों ने उन्हें बताया कि शैलेंद्र बर्फ की चपेट में आ गया था. जिसकी वजह से उनका निधन हो गया. बताया जा रहा है कि शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग था. उनकी दो छोटी बहनें हैं. जबकि, दो महीने पहले ही राइफलमैन शैलेंद्र पिता कृपाल सिंह कठैत के निधन पर घर आए थे. यहां पिता का अंतिम संस्कार कर वापस ड्यूटी पर लौटे थे.
पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल, दो बेटियों के सिर से उठा पिता का साया:वहीं, राइफलमैन शैलेंद्र कठैत के निधन पर उनकी पत्नी अंजू और मां ध्यान देई का रो रोकर बुरा हाल है. शैलेंद्र की पांच और एक साल की दो छोटी बेटियां हैं. अब राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गांव लाया जाएगा. जहां गांव के पास भागीरथी नदी तट पर सैन्य सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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