उत्तरकाशी:एक तरफ से देश में 5जी नेटवर्क लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ उत्तराखंड के कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां अभी लोग संचार की सुविधाओं से वंचित है. इन इलाकों में केंद्र और राज्य सरकार के डिजिटल इंडिया का सपना भी दम तोड़ देता है. हम बात कर रहे हैं सीमांत जनपद उत्तरकाशी के धौन्तरी क्षेत्र की, जहां बत्ती गुल होते ही नेटवर्क गुल हो जाता है.
कैसे बनेगा इंडिया डिजिटल? आपको सुनकर थोड़ा ताज्जुब हो रहा होगा, लेकिन ये सच है. धौन्तरी क्षेत्र में बीएसएनएल का एक टॉवर लगा हुआ है, लेकिन इस टॉवर में लाइट जाने पर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं है. यानी अगर इलाके में लाइट चली गई तो बीएसएनएल का नेटवर्क भी चला जाता है. जिससे ग्रामीणों को आय दिन नेटवर्क की समस्या से दो चार होना पड़ता है.
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धौन्तरी उप तहसील के ग्रामीणों का कहना है कि नेटवर्क की समस्या उनके क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांव में सालों से बनी हुई है. इलाके में बीएसएनएल ही एक टॉवर लगा हुआ है, जो पूरी तरह से विद्युत आपूर्ति पर निर्भर है.
भेटियारा गांव के ग्राम प्रधान कुशालमणि नौटियाल का कहना है कि क्षेत्र में जब तक विधुत आपूर्ति सुचारू है. तब तक ही नेटवर्क है. जैसे ही विधुत आपूर्ति बाधित होती है, तो नेटवर्क भी बन्द हो जाता है. समस्या के लिए क्षेत्र पंचायत सदस्य की ओर से धरना दिया गया था. उसके बाद बीएसएनएल के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस समस्या को दूर किया जाएगा, लेकिन आज तक टॉवर में बैटरी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि धौन्तरी बाजार चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव भी है. साथ ही टिहरी के लम्बगांव क्षेत्र और उपतहसील क्षेत्र के गांव का मुख्य केंद्र है. यहां पर बैंक और तहसील आदि के कार्यों के लिए ग्रामीणों को नेटवर्क सुविधा न मिल पाने के कारण कई दिनों तक परेशान होना पड़ता है. साथ ही बरसात और बर्फबारी के दौरान कई माह तक विधुत आपूर्ति बाधित होने के कारण फोन की घण्टी बजना मुश्किल हो जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार घटना दुर्घटना के समय संचार सुविधा न मिलने के कारण आपातकालीन सेवाओं की सेवा भी नहीं मिल पाती है.