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यमुनोत्री हाईवे मलबा आने से बंद, कराहते हुए पैदल चलकर अस्पताल पहुंची गर्भवती - यमुनोत्री हाईवे पर टूटी पहाड़ी

पहाड़ के रहवासियों का जीवन पहले ही संघर्षों से भरा होता है. ये परेशानियां तब और बढ़ जाती है, जब बारिश होती है. थोड़े से बारिश में पहाड़ दरकने लग जाते हैं और नदी नाले उफान पर आ जाते हैं. जिससे सड़कें बाधित हो जाती है. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ता है. ऐसे ही परेशानी का सामना खरशाली गांव की एक गर्भवती महिला को झेलनी पड़ी. जब उसे अस्पताल तक पहुंचने के लिए दो किमी के पैदल दूरी नापनी पड़ी और चार वाहन बदलने पड़े.

Pregnant Woman Reach Hospital by Walking
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Published : Jul 23, 2023, 7:34 PM IST

Updated : Jul 23, 2023, 8:02 PM IST

पैदल चलकर अस्पताल पहुंची गर्भवती.

उत्तरकाशीः यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट के पास बंद होने से प्रसव पीड़ा से कराह रही खरशाली गांव की महिला को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. गर्भवती महिला को दो किमी पैदल और चार वाहन बदलकर अस्पताल पहुंचाया गया. परिजनों ने गर्भवती महिला को किसी तरह किसाला पहुंचाया. जहां से उसे एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ केंद्र नौगांव लाया.

खरशाली गांव की कुमारी देवी को अस्पताल ले जाती महिलाएं

बमुश्किल अस्पताल पहुंचीं गर्भवती महिलाः जानकारी के मुताबिक, खरशाली गांव की कुमारी देवी पत्नी गिरीश लाल (उम्र 21 वर्ष) को रविवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई. ऐसे में परिजनों ने महिला को यूटीलिटी के माध्यम से हनुमान चट्टी पहुंचाया. जहां से उसे एंबुलेंस की मदद से कुनसाला तक लाया गया. जहां से गर्भवती को अन्य वाहन से तिखर्ली गांव तक पहुंचाया गया. उसके बाद वो करीब 2 किमी की पैदल चढ़ाई वाले मार्ग से ओजरी गांव पहुंची.

गर्भवती महिला को नापनी पड़ी दो किमी की पैदल दूरी

चार वाहन बदले, 2 किमी पैदल चली गर्भवती महिलाःजहां से उसे फिर यूटीलिटी वाहन से किसाला तक पहुंचाया गया. उसके बाद उसे 108 के माध्यम से सीएचसी नौगांव पहुंचाया गया. गनीमत रही कि रास्ते में महिला के साथ अनहोनी नहीं हुई. जिसे उसकी जान बच पाई. मामले में एसडीएम जितेंद्र कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर किसाला तक गर्भवती महिला के लिए एबुंलेंस व्यवस्था कर दी गई थी.

यमुनोत्री हाईवे पर गिरते पत्थर

यमुनोत्री हाईवे पर दो दिनों से बंदःबता दें कियमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट के पास लगातार मलबा और पत्थर गिर रहे हैं. जिसके चलते हाईवे 2 दिनों से बंद है. रविवार को भी हाईवे तीन स्थानों पर बंद रहा. हालांकि, खरादी और किसाला के पास हाईवे को दोपहर तक खोल दिया था, लेकिन ओजरी-डाबरकोट में बोल्डर और मलबा आने के कारण हाईवे खोलने में परेशानी हो रही है.
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260 यात्रियों को होटलों में ठहराया गयाःवहीं, हाईवे बंद होने पर बड़कोट और अन्य स्थानों पर फंसे यात्रियों ने गंगोत्री धाम की ओर रूख करना शुरू कर दिया है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि ओजरी डाबरकोट बंद होने के कारण 30 वाहनों, स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी तक 260 यात्रियों को सुरक्षित होटलों में रूकवाया गया है.

आराकोट में जेपीआरआर हाईवे खुलाःउधर, बीती शाम के समय मलबा और बोल्डर आने के कारण उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाली जगाधरी-पांवटा-राजबन-रोहडू (जेपीआरआर) हाईवे आराकोट बाजार के पास बंद हो गया था. जिसे एनएच विभाग ने करीब 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आवाजाही के लिए खोल दिया है.

आराकोट-चिंवा रोड 15 दिनों से बंदःवहीं, दूसरी ओर आराकोट-चिंवा मोटर मार्ग 15 दिन बाद भी नहीं खुल पाया है. जिस पर उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रुहेला ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए आराकोट-चिंवा मोटर मार्ग को खोलने के लिए पीएमजीएसवाई के ईई एवं एई को साइट पर रहने के निर्देश दिए हैं. मार्ग बंद होने से लोगों को सेब को मंडियों तक पहुंचाने में परेशानी आ रही है. इसके अलावा खाद्यान्न आदि भी ग्रामीण अपने गांव नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

बड़कोट और पुरोला में बादल फटने से हुए नुकसान को लेकर एसडीएम पुरोला को निर्देशित किया कि राजस्व विभाग की पूरी टीम को नुकसान के आकलन के लिए फील्ड में भेजें. डीएम रुहेला ने छाड़ा खड्ड में मलबे को हटाने की कार्रवाई की जानकारी भी ली. पुरोला एसडीएम देवानंद शर्मा ने कहा कि छाड़ाखड्ड में मलबा हटाने का काम किया जा रहा.

Last Updated : Jul 23, 2023, 8:02 PM IST

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