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नए CM को तीर्थ पुरोहितों ने चेताया, देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं किया तो 2022 में लगेगा अभिशाप

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे चारधाम तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि अगर जल्द बोर्ड भंग नहीं किया, तो 2022 में ऐसा अभिशाप लगेगा कि एक भी विधायक जीत नहीं पाएगा.

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उत्तरकाशी

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Published : Jul 5, 2021, 3:48 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में पिछले साढ़े 4 सालों में 3 मुख्यमंत्री बदलने पर गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने इसे चारों धामों के पुरोहितों का अभिशाप बताया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अगर सरकार जल्द देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं करती है तो 2022 में ऐसा अभिशाप लगेगा कि एक भी विधायक जीत नहीं पाएगा.

दरअसल गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरी-केदार चारों धाम के पुरोहित त्रिवेंद्र सरकार से पारित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं. हालांकि पद संभालते ही तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने घोषणा की थी कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाएगा. लेकिन उसके बाद भी सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया. इसी के मद्देनजर चारों धाम के पुरोहित प्रदेश सरकार के खिलाफ क्रमिक अनशन पर हैं.

नए CM धामी को तीर्थ पुरोहितों की चेतावनी

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पुरोहितों ने नवनियुक्त सीएम पुष्कर धामी को दो टूक कहा है कि अगर उन्होंने भी देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं किया, तो तीर्थ पुरोहितों का अभिशाप भाजपा सरकार को लगेगा. वह अभिशाप 2022 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. पुरोहितों ने सीएम से मांग की है कि जल्द ही देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाए.

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