श्रीनगर/उत्तरकाशी: यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना के चौथे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सुरंग में 40 मजदूर फंसे हैं, जिन्हें 72 घंटे से अधिक समय हो चुका है. एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और तमाम विभाग सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. इसी बीच देशभर के साथ उत्तराखंड के कई स्थानों पर टनल में फंसे हुए 40 मजदूरों के लिए प्रार्थनाओं का दौर भी चल रहा है. इसी कड़ी में श्रीनगर गढ़वाल में लक्ष्मी नारायण मंदिर में सभी श्रमितों की सलामती के लिए अखंड यज्ञ शुरू किया गया है. इसके साथ ही उत्तरकाशी में बौखनाग देवता की पूजा अर्चना की गई.
उत्तरकाशी टनल हादसा: फंसे श्रमिकों की सफल रेस्क्यू के लिए सुरंग के बाहर पूजा-अर्चना, प्रार्थनाओं का दौर जारी - बौखनाग देवता के पश्वा अवतरित
Uttarkashi Tunnel Accident उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान हुई भूस्खलन की घटना को चार दिन हो गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. इस बीच टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए पूजा-अर्चना का दौर भी चल रहा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 15, 2023, 5:30 PM IST
|Updated : Nov 16, 2023, 11:57 AM IST
श्रीनगर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के मुख्य पुजारी इस पूजा को करवा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार व प्रशासन तो सुरक्षा के कार्य में जुटे हैं, लेकिन भगवान के दर पर वो सभी लोगों की सलामती के लिए यज्ञ कर रहे हैं ताकि भगवान इन सभी 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालें. ये यज्ञ तबतक जारी रहेगा जबतक सभी लोग सुरक्षित बाहर नहीं आ जाते.
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उत्तरकाशी में बौखनाग देवता की पूजा:वहीं, दूसरी तरफ उत्तरकाशी में स्थानीय लोगों के साथ सुरंग निर्माण कंपनी के कर्मचारियों ने भी बुधवार को बौखनाग देवता की पूजा अर्चना की. मान्यता है कि इस क्षेत्र में बौखनाग देवता को पूजा जाता है. स्थानीय लोगों की देवता पर काफी आस्था है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में बौखनाग देवता की पूजा होती है. उनको इस स्थान का रक्षक माना जाता है. इसलिए बौखनाग देवता से सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की गई है.
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