उत्तरकाशी: जनपद के उपला टकनौर में इन दिनों बर्फबारी का सीजन शुरू हो गया है. अब तक घाटी में सीजन की दो बार की बर्फबारी हो चुकी है. बर्फबारी के दौरान उपला टकनौर के 8 गांव में जीवन विकट हो जाता है. इस दौरान धराली सहित मुखबा, बगोरी गांव के कुछ ग्रामीण 6 माह के प्रवास के लिए निचले इलाकों में आ जाते हैं. वहीं क्षेत्र के कुछ ग्रामीण ऐसे भी होते हैं जो वही पर रहते हैं. ये ग्रामीण अपनी 6 माह की व्यवस्था को पहले ही दुरुस्त कर लेते हैं. जिससे बर्फबारी के सीजन में इन्हें किसी तरह की कोई परेशानी है.
उत्तरकाशी: बर्फबारी से उपला-टकनौर इलाके के लोगों की बढ़ी मुश्किलें, प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप - snowfall in upla taknore
उपला टकनौर के ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते हैं उसके बाद शासन-प्रशासन भी उपला टकनौर के गांवों की सुध लेना छोड़ देता हैं. जबकि यहां विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल भी शामिल है.
उपला टकनौर के ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते हैं उसके बाद शासन-प्रशासन भी उपला टकनौर के गांवों की सुध लेना छोड़ देता हैं. जबकि यहां विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल भी शामिल है. बावजूद इसके शासन-प्रशासन इस समय इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है. ग्रामीणों का कहना है कि बर्फबारी से पहले रस्म अदायगी के तौर पर इन गावों में रशद पहुंचाई जाती है.
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शासन-प्रशासन के रवैये से नाराज ग्रामीणों की कहना है कि बर्फबारी के सीजन में प्रदेश का ये इलाका पूरी तरह से दुनिया से कट जाता है. हर्षिल प्रधान दिनेश रावत का कहना है कि शासन ने शीतकालीन यात्रा तो शुरू कर दी है लेकिन उसे बढ़ावा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. जो कि इस इलाके के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है.