उत्तरकाशी:हर्षिल घाटी में अपने हक-हकूक को बचाने को लेकर घाटी के ग्रामीण सक्रिय हो गए हैं. घाटी में आर्मी को सैन्य अभ्यास के लिए करीब 477 एकड़ वन भूमि देने की तैयारी चल रही है. इससे ग्रामीणों को आशंका है कि उनके हक-हकूक प्रभावित हो जाएंगे. ग्रामीण अपनी भूमि पर मकान तक नहीं बना पाएंगे. इन्हीं आशंकाओं को लेकर हर्षिल ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल डीएम अभिषेक रुहेला से मुलाकात की. इसके बाद डीएम ने कहा कि 16 दिसंबर को ग्रामीण के साथ राजस्व विभाग और वन विभाग वार्ता करेंगे. ग्रामीणों की जो शिकायत है, उन्हें दूर किए जाएंगे.
उपला टकनौर जन कल्याण मंच (Upla Taknaur Jan Kalyan Manch) के बैनर तले हर्षिल घाटी के ग्रामीण और जनप्रतिनिधि ने जिलाधिकारी से मुलाकात की. ग्रामीणों ने कहा कि सीमांत गांव धराली, मुखवा, हर्षिल, बगोरी, झाला, सुक्की, जसपुर, पुराली गांवों में वन विभाग की भूमि है. जिसे सेना को स्थानांतरित किया जा रहा है. इसके लिए वन विभाग इन दिनों पेड़ों की गिनती कर रहा है. वन विभाग के अनुसार 2023 मार्च और अप्रैल तक पेड़ों की गिनती का कार्य पूरा हो जाना है.