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Impact: 36 घंटे के बाद आपदा प्रभावित निराकोट पहुंचे पटवारी, QRT टीम ने संभाली कमान

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए पटवारी और आपदा प्रबंधन विभाग के मास्टर ट्रेनर निराकोट आपदा प्रभावितों की सुध लेने पहुंचे. इसके अलावा QRT टीम और SDRF ने एक परिवार को सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचाया.

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उत्तरकाशी आपदा

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Published : Jul 20, 2021, 9:27 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 10:16 PM IST

उत्तरकाशीः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत लगातार आपदा प्रभावितों की समस्याओं को प्रमुखता से दिखा रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय पटवारी और आपदा प्रबंधन विभाग के मास्टर ट्रेनर नुकसान का आकलन करने घटनास्थल पर पहुंचे तो वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग की QRT टीम और SDRF निराकोट पहुंची. जहां टीम ने क्षतिग्रस्त जगहों पर वैकल्पिक मार्ग तैयार कर एक परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

बता दें कि बीते 18 जुलाई की रात निराकोट, मांडो, कंकराड़ी और सिरोर गांव में आई भीषण आपदाके 24 घंटे बीत जाने के बाद भी क्षेत्रीय पटवारी तक ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा था. ग्राम प्रधान जितेंद्र गुसाईं ने ईटीवी भारत से इस समस्या को साझा किया और सोमवार को ईटीवी भारत ने निराकोट के आपदा प्रभावितों की समस्या को प्रमुखता से उठाया.

आपदा प्रभावित निराकोट पहुंचे पटवारी.

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खबर दिखाए जाने के बाद मंगलवार करीब सुबह 36 घंटे बाद जोशियाड़ा पटवारी और आपदा प्रबंधन विभाग के मास्टर ट्रेनर मस्तान भंडारी आपदा प्रभावित गांव निराकोट पहुंचे. जहां पर उन्होंने आपदा के नुकसान का स्थलीय निरीक्षण किया. साथ ही नुकसान और आवश्यकताओं की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी.

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उधर, हरकत में आई जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से QRT टीम और SDRF भी निराकोट गांव पहुंची. जहां आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त जगह पर वैकल्पिक मार्ग तैयार कर गदेरे के दूसरी ओर फंसे परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया.

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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी गांव में पेयजल समस्या बनी हुई है. जिसकी सुध अभी तक जल संस्थान ने नहीं ली है. गौर हो कि रविवार रात को मांडो, निराकोट और कंकराड़ी में जल प्रलय ने जमकर तबाही मचाई. इस प्रलय ने तीन लोगों की जिंदगी लील ली. जबकि, कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. साथ ही खेत और सड़कें बह गई.

Last Updated : Jul 20, 2021, 10:16 PM IST

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