उत्तरकाशी/चंपावत: कोरोना काल में आर्थिक संकट से जुझ रहे व्यापारियों की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं. त्योहारी सीजन में दिवाली से ठीक 4 दिन पहले सामान्य पटाखों की बिक्री पर लगे रोक ने व्यापारियों की टेंशन बढ़ा दी है. वहीं, प्रशासन इन पटाखा दुकानों को बंद करवा रही है. जिसकी वजह से पटाखा व्यापारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. वहीं, कई जगह दुकानदारों के पास लाइसेंस और टीन शेड नहीं होने के चलते दुकानें बंद करवायी जा रही है.
आज उत्तरकाशी में जिला प्रशासन और पुलिस की सयुंक्त टीम ने जिला मुख्यालय के रामलीला मैदान में लगे पटाखा दुकानों को बंद करवाया. जिसको लेकर व्यापारियों ने अपना विरोध प्रकट किया. व्यापारियों ने कहा कि लाइसेंस के लिए 4 दिन पहले आवेदन किया गया था, लेकिन लाइसेंस नहीं मिला है. रामलीला मैदान में पटाखों की दुकान लगा रहे व्यापारियों का कहना है कि अब दो दिन में कहां से शेड बनेंगे. साथ ही पहले की कोरोना की मार से सभी लोग परेशान हैं. अगर ऐसी सूरत में दुकाने नहीं लगती हैं तो व्यापारी कर्जे में डूब जाएंगे.
एसपी पंकज भट्ट ने कहा कि पटाखा व्यापारियों के पास लाइसेंस नहीं थे. इसलिए दुकानें बंद करवाई गई है. साथ ही जिन लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. उनके आवेदन जिला प्रशासन तैयार कर रहा है. लाइसेंसधारी ही पटाखों की दुकानें खोल सकते हैं.
देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर गाइडलाइन का उल्लंघन कर पटाखा बिक्री करने वाले दुकानदारों के खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई. साथ ही सैकड़ों दुकानदारों से लाखों रुपए का जुर्माना वसूला गया. पुलिस अधीक्षक अपराध लोकजीत सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. नियम विरुद्ध पटाखा बेचने वाले 110 दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कुल 8 लाख 84 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है.