उत्तरकाशी: उत्तराखंड में अफसरशाही कितनी हावी है, इसका उदाहरण आज प्रभारी मंत्री गणेश जोशी की बैठक में देखने को मिला. जहां बैठक में जिला प्रबंधन अधिकारी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नदारद दिखें. जिसके, बाद डीएम ने कर्मचारी को भेजकर आपदा प्रबंधन अधिकारी को बुलाया. वहीं, सिंचाई विभाग के ईई को भी दूसरे कमरे से बुलाया गया. वहीं, कई अधिकारी आधी अधूरी के साथ बैठक में पहुंचे.
गौरतलब है कि काबीना मंत्री जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. इस दौरान आपदा विभाग का नंबर आया, तो आपदा प्रबंधन अधिकारी बैठक से नदारद दिखें. उसके बाद डीएम ने कर्मचारी को भेजकर आपदा प्रबंधन अधिकारी को बुलवाया. इस दौरान 20 मिनट लेट से अधिकारी मीटिंग में पहुंचा. वहीं, सिंचाई विभाग के ईई को भी दूसरे कमरे से बैठक में बुलाया गया.
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उत्तरकाशी पहुंचे प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें विभागीय अधिकारी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ पहुंचे. इस दौरान यमुनोत्री विधायक सहित डुंडा, भटवाड़ी और मोरी ब्लॉक प्रमुख ने मंत्री से शिकायत की और जिला स्तरीय अधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाया.
जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया की अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं. जब अधिकारी को समस्याओं को लेकर फोन किया जाता है, ब्लॉक अधिकारी उत्तरकाशी और जनपद के अधिकारी देहरादून में होने की बात करते हैं. प्रभारी मंत्री गणेश जोशी की बैठक में यह बात भी सामने आई कि विभागीय अधिकारी मौके पर नहीं जाते हैं.
वहीं, जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी से स्कूलों की जर्जर स्थिति पर जब पूछा गया, तो उन्हें पूरी जानकारी नहीं थी. काबीना मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि बैठक में शिक्षा, आपदा, सड़क, स्वास्थ्य, उद्यान और पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह मौके पर जाकर काम करें. साथ ही जो निर्देशों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.