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पुरोला में अब शांति है, वापस लौटे मुस्लिम व्यापारियों ने कहा- मिल रहा पहले जैसा प्यार - purola news

उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 26 मई को मुस्लिम युवक द्वारा हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ था. इसके बाद पुरोला अशांत हो गया था. नौबत यहां तक आ गई थी कि पुरोला में धारा 144 लगा दी गई थी. आखिर अब पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की वापसी हो गई है. मुस्लिम व्यापारियों का कहना है कि अपराधी को सजा मिल गई है. हमें स्थानीय लोगों का पहले जैसा प्यार मिल रहा है.

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Published : Jun 26, 2023, 2:08 PM IST

उत्तरकाशी: पुरोला में उपजे विवाद के बाद अब स्थिति सामान्य हो गई है. मुस्लिम युवक द्वारा नाबालिग को भगाने के प्रयास के बाद ऐसा विवाद उपजा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को दुकानें छोड़ कर अन्य शहरों में जाना पड़ा था. स्थिति सामान्य होने के बाद 17 जून को आठ मुस्लिमों की दुकानें खुल गई थी. अब करीब 22 लोगों की दुकानें खुल गई हैं. वहीं शहर छोड़ के गए 16 लोगों में से 10 लोगों ने वापस आकर दुकानें खोल दी हैं.

पुरोला में खुल गईं मुस्लिमों की दुकानें

पुरोला में वापस लौटे मुस्लिम व्यापारी: पुरोला में नाबालिग को भगाने के प्रयास की घटना के बाद तनाव बढ़ गया था. हिंदू संगठनों ने महापंचायत का एलान किया तो तनाव की आंच दूसरे कस्बों तक भी पहुंची. नौगांव, बड़कोट समेत पुरोला बाजार बंद हुए. पुलिस-प्रशासन हरकत में आया और धारा-144 लागू कर दी. जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी दुकानें छोड़ दी थी.

मुस्लिमों को मिल रहा पहले जैसा प्यार: बवाल से पहले कोई समस्या नहीं हुई थी. अब वह वापस लौटे हैं तो स्थानीय लोगों से वही प्यार और भाईचारा मिल रहा है. पुरोला के सैलून व्यापारी मो. सलीम और रेडीमेड गारमेंट के व्यापारी जुबेर और गाड़ी वाशिंग व्यापारी वसीम का कहना है कि हम वर्षों से पुरोला में व्यापार कर रहे हैं. हमें यहां पर स्थानीय लोगों ने हमेशा सहयोग किया है. नगर में जो घटना हुई है, उसके अपराधी को सजा मिल चुकी है.
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पुरोला में अब शांति है: नगर में उपजे विवाद को देखते हुए हम लोग कुछ दिन के लिए अपने घर गए थे. अब हम लोग वापस लौट चुके हैं. हमें स्थानीय लोगों के पुराने व्यवहार में कोई परिवर्तन नजर नहीं आया. हमें अभी भी वही सहयोग और भाईचारा देखने को मिल रहा है. मो. रईस और अशरफ का कहना है कि हमारी दो पीढ़ियां पुरोला में निवास कर चुकी हैं. हमारे पूरे परिवार को यहां पर हमेशा प्यार और सम्मान मिला है. नगर में शांति व्यवस्था के बाद सौहार्द है.

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