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उत्तरकाशी पहुंचने लगे प्रवासी 'मेहमान', गंगा तट पर लगा जमावड़ा - जलशक्ति मंत्रालय के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट

उत्तरकाशी में शीतकाल में झीलों के किनारे और गंगा तटों पर प्रवासी पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. ऐसे में गंगा विचार मंच ने सरकार से इनके शोध और संरक्षण और संवर्धन की मांग की है.

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Published : Dec 18, 2020, 8:02 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 10:46 PM IST

उत्तरकाशी: शीतकाल में जनपद में बनी झीलों के किनारे और जनपद मुख्यालय से सटे गंगा तटों पर प्रवासी पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. इन जलीय प्रवासी पक्षियों का गंगा में करतब आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस वर्ष इन प्रवासी जलीय पक्षियों की अच्छी संख्या गंगा (भागीरथी) में देखने को मिल रही है. इसके साथ ही गंगा विचार मंच ने इन जलीय पक्षियों पर शोध और इनके संरक्षण और संवर्धन की मांग केंद्र और राज्य सरकार से की है.

उत्तरकाशी पहुंचने लगे प्रवासी 'मेहमान'.

उत्तरकाशी जनपद में मनेरी जल विद्युत परियोजना प्रथम की मनेरी झील और मनेरी जल विद्युत परियोजना द्वितीय की जोशियाड़ा बैराज बनने के बाद जनपद में गंगा (भगीरथी) नदी में प्रवासी जलीय पक्षियों का आवागमन बढ़ा है. ये पक्षी अक्टूबर से मार्च महीने तक उत्तरकाशी जनपद में प्रवास पर रहते हैं. उसके बाद वहां से चले जाते हैं. इनका भोजन जलीय जीव-जंतु होते हैं.

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उत्तरकाशी पहुंचने वाले प्रवासी जलीय पक्षियों में जल मुर्गी सहित बत्तख और कुछ सीमित संख्या में साइबेरियन क्रेन शामिल हैं. इन दिनों गंगा में इन पक्षियों की दिनचर्या आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. गंगा विचार मंच NMCG जलशक्ति मंत्रालय के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट का कहना है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत भारतीय वन्य जीव संस्थान गंगा में जलीय जीवों पर शोध और अध्ययन कर रहा है. इस संबंध में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि उत्तरकाशी पहुंचने वाली इन प्रवासी पक्षियों को इस शोध में शामिल किया जाए, जिससे इनका संरक्षण हो सके.

Last Updated : Dec 18, 2020, 10:46 PM IST

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