पुरोलाः उत्तरकाशी के पुरोला में कथित लव जिहाद के बाद तनाव का माहौल है. स्थानीय लोगों के आक्रोश के चलते बाहरी व्यापारियों खासकर मुस्लिम समुदाय के लोग पुरोला छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. अभी तक कई दुकानदार अपनी दुकानें समेट कर अन्य जगह चले गए हैं. वहीं, मुस्लिम समुदाय के कुछ ऐसे लोग हैं, जो अभी भी इस आस में हैं कि मामला सुलझ जाएगा और उनकी दुकानें फिर से खुलेगी. अमन और भाईचारा फिर से बहाल होगा. वहीं, बड़कोट और नौगांव में दुकानें खाली करने वाले मुस्लिम व्यापारियों की संख्या 15 हो गई है.
दुकान खाली करते बाहरी व्यापारी बता दें कि पुरोला में तनावपूर्ण माहौल के बीच 20 दिनों में करीब 12 दुकानदार पुरोला छोड़ चुके हैं. पूरा विवाद मुस्लिम युवक की ओर से हिंदू लड़की भगाने से शुरू हुआ. हालांकि, इस मामले में मुस्लिम युवक के साथ हिंदू युवक की संलिप्तता भी पाई गई. आरोप था कि ये लोग नाबालिग लड़की भगाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया था. इस घटना के बाद लोगों में बाहरी व्यापारी खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ आक्रोश भर गया और उन्हें दुकानें खाली करने की चेतावनी दे डाली.
मुस्लिम व्यापारियों ने छोड़ा पुरोला ये भी पढ़ेंः पुरोला में मुस्लिम व्यापारी ने छोड़ी दुकान, 42 सालों से बेच रहे थे कपड़े माहौल बिगड़ता देख मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुकानें खाली करनी शुरू कर दी. वहीं, दूसरी ओर इसी समुदाय के कई दुकानदार इस आस में हैं कि एक बार फिर से पुरोला में अमन चैन का माहौल बनेगा और फिर से वो अपनी दुकानें खोल सकेंगे. इनमें मोहम्मद असरफ, मोहम्मद रईस, वाले खां समेत अन्य लोग शामिल हैं. पुरोला छोड़ चुके कई व्यापारी ऐसे हैं, जिन्होंने व्यापार के लिए बैंकों से लोन ले रखा है.
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वहीं, पुरोला छोड़ते हुए मोहम्मद सलीम बता रहे थे कि वो अब अपने बैंक लोन की किस्त कैसे जमा करेंगे? अब दूसरी जगह अपने व्यापार को खड़ा करेंगे तो उसमें समय लगेगा. उधर, पुरोला एसडीएम देवानंद शर्मा ने जानकारी दी है कि अभी तक 12 व्यापारी अपना सामान लेकर नगर छोड़ चुके हैं. कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए प्रशासन पूरी तरीके से चाक चौबंद हैं.
पुरोला छोड़ चुके व्यापारी
- मोहम्मद जाहिद, जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा बीजेपी (जाहिद गारमेंट)
- मोहम्मद जुबेर (जुबेर गारमेंट)
- चांद साहिब (चांद मोबाइल्स)
- मनवर (मुन्ना सब्जी वाला)
- मोहम्मद सलीम, मंडल अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा (शकील एंड संस गारमेंट)
- मोहम्मद वसीम (कार वाशिंग)
- मोहम्मद अहमद (भारत फर्नीचर)
- फहीम (क्रॉकरी की दुकान)
- नदीम (गिफ्ट सेंटर)
- वसीम (बर्तन की दुकान)
- सोनू (आइसक्रीम शॉप)
- शिफा रानी, टेलर (दुकान में सामान पैक किए जाने की तैयारी)