उत्तरकाशी: काशी नगरी उत्तरकाशी में एक मंदिर ऐसा भी है, जो पिछले करीब 72 सालों से बंद है. मंदिर बंद होने के चलते अब इसका भवन खंड़हर होता जा रहा है. लेकिन न तो प्रशासन और न ही कोई मंदिर समिति मंदिर की सुध लेने को तैयार है. जिला मुख्यालय के बाड़ाहाट क्षेत्र में भगवान दत्तात्रेय का अति प्राचीन मंदिर (Temple of Lord Dattatreya in Barahat area) है. परशुराम मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिरों के बीच स्थित यह मंदिर लकड़ी, पत्थर और पठाल (पहाड़ी शैली के पत्थर) से बना है.
मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में दत्तात्रेय की अष्टधातु की मूर्ति हुआ करती थी, जो 1950 में चोरी हो गई. इस बात का उल्लेख शिक्षक सुरेंद्र सिंह मेहरा ने भी अपनी पुस्तक 'उत्तरकाशी के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल' में किया है. मंदिर में रखी मूर्ति चोरी होने के बाद से ही मंदिर पर ताला है. लेकिन न तो मंदिर पर स्वामित्व वाला परिवार इसकी सुध ले रहा है और न ही हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बड़ी-बड़ी बातें करने वाले आगे आ रहे हैं.
हालांकि, अब मंदिर का पुजारी परिवार इसके लिए पहल करने की बात कह रहा है. पुजारी परिवार से जुड़े अमेरिकन पुरी का कहना है कि मूर्ति चोरी होने के बाद काफी समय तक मंदिर के प्रांगण में कुछ साधु आग जलाकर रहते थे, जो आपदा के बाद कहीं चले गए. उनका कहना है कि मंदिर के जीर्णोद्धार के प्रयास किए जाएंगे.
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