उत्तरकाशीःदेश में कई लोगों के पास आज भी सर पर छत और खाने के लिए दो जून की रोटी तक नहीं हैं. ऐसे में बच्चों की शिक्षा की बात बेमानी सी लगती है. जी हां हम बात कर रहे घुमक्कड़ी लोगों की जो आजकल अपना आशियाना सीमांत जनपद उत्तरकाशी में बनाए हुए हैं. जिनके पास कहने के लिए तो बहुत कुछ है लेकिन सामने बेबसी के सिवा कुछ नहीं. जो आजादी के सात दशक बाद भी देश के कई प्रांतों में घूमकर उस शहर में कुछ समय के लिए अपना रोजगार तलाश करते हैं.
देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है. गरीबी कम करने और हटाने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और दावे राजनीतिक दलों के राजनेता कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत दावों की पोल खुल रही है. दरअसल, इन दिनों गंगोत्री हाई-वे पर डुंडा के पास टेंट लगाकर घुमक्कड़ लोगों का एक परिवार रह रहा है. ये परिवार लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के निवासी 65 वर्षीय इस्लाम का है. उनके परिवार का पूरा जीवन घुमक्कड़ी में निकल गया है. इस्लाम का परिवार प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर टीवी, कुर्सी के कवर आदि बेचकर जीवन यापन करता है. इस्लाम ही नहीं, बल्कि कई परिवार इसी तरह सड़कों के किनारे टेंट में जीवन गुजर बसर करने को मजबूर हैं.