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हर्षिल घाटी में तीन फीट तक जमी बर्फ, 8 गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार देर रात से जमकर बर्फबारी हो रही है. भारी बर्फबारी के चलते जनपद की हर्षिल घाटी के 8 गांवों में जनजीवन पूरी अस्त-व्यस्त हो चुका है.

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Published : Nov 26, 2020, 11:49 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 4:02 PM IST

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उत्तरकाशी:जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार देर रात से जमकर बर्फबारी हो रही है. भारी बर्फबारी के चलते जनपद की हर्षिल घाटी के 8 गांवों में जनजीवन पूरी अस्त-व्यस्त हो चुका है. हर्षिल घाटी में करीब 2 से 3 फीट बर्फबारी गुरुवार सुबह तक हो चुकी है. वहीं, कई गांवों में पानी-बिजली जैसी मूलभूत व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि नवंबर माह में उम्मीद से अधिक बर्फबारी शुरू हो चुकी है.

बता दें कि, बुधवार रात से उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले गांवों और पहाड़ियों में सीजन की तीसरी बर्फबारी जारी है. पूर्व में दो बार हुई बर्फबारी अधिक समय तक जमीन पर नहीं टिक पाई थी. लेकिन बुधवार देर रात से हो रही भारी बर्फबारी के कारण हर्षिल घाटी के 8 गांवों में करीब 2 से 3 फीट तक बर्फबारी हो चुकी है. ठंड के चलते निचले इलाकों में भी बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट आ गई है. बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन को बहुत अधिक बढ़ा दिया है.

बर्फबारी से हर्षिल घाटी के 8 गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि बर्फबारी के कारण कई गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है. साथ ही सबसे ज्यादा दिक्कतें स्थानीय लोगों को पानी की हो रही है. क्योंकि बर्फबारी के कारण पानी के नल जम गए हैं. वहीं, बागवानों का कहना है कि बर्फ से सेब के पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. इस समय कटिंग का समय है और भारी बर्फबारी के चलते सेब की टहनियों को नुकसान हुआ है.

Last Updated : Nov 26, 2020, 4:02 PM IST

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