उत्तरकाशी:उत्तराखंड की गंगोत्री विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) के लिए दिवंगत विधायक गोपाल रावत (Late MLA Gopal Rawat) की पत्नी शांति रावत ने विधायक पद के लिए दावेदारी की है. शांति रावत कहती है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार महिला प्रत्याशियों पर विश्वास जताएगी. उन्होंने कहा कि बहुत आवश्यक है कि राजनीति में भी महिलाओं को पुरूषों के समकक्ष वरीयता दी जाए.
टिकट देने में पार्टियां दिखीं कंजूस: उत्तराखंड विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हमेशा ही बेहद सीमित रहा है. इसकी बड़ी वजह राष्ट्रीय दलों का महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी बरतना भी है. स्थिति यह है कि एक तरफ विधानसभा में राज्य स्थापना के बाद अब तक कभी महिलाओं के प्रतिनिधित्व का आंकड़ा 8% भी नहीं पहुंचा है. वहीं, राष्ट्रीय दलों ने टिकट देने में कभी 12% से ज्यादा हिम्मत नहीं दिखाई.
उत्तराखंड में महिलाएं किसी भी सरकार को बनाने के लिए अहम भूमिका में है. राज्य की आधी आबादी सभी विधानसभाओं पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करती हैं. लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय दल महिलाओं को तवज्जों देने में कुछ खास गंभीर नहीं दिखाई देते हैं. स्थिति यह है कि राज्य स्थापना से अब तक हुए 4 विधानसभा चुनाव में कभी भी किसी दल ने 8 से ज्यादा महिला प्रत्याशी नहीं बनाए हैं. इस मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने महिलाओं को टिकट देने में आंकड़ा 5 से 8 के बीच का रखा है.
गंगोत्री विधानसभा का इतिहास:उत्तरकाशी की गंगोत्री विधानसभा से पहली बार किसी महिला प्रत्याशी ने टिकट की दावेदारी की है. शांति रावत दिवंगत विधायक गोपाल रावत की पत्नी हैं. 22 अप्रैल,2021 को गोपाल रावत के निधन से बाद से ही गंगोत्री सीट रिक्त चल रही है. गंगोत्री सीट उस समय भी चर्चा में रही जब पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को गंगोत्री विधानसभा से ही उपचुनाव लड़ाने की बात उठी लेकिन कोविड के खतरे के कारण चुनाव आयोग ने उपचुनाव की इजाजत नहीं दी.
उत्तरकाशी जनपद की यमुनोत्री विधानसभा पर बीजेपी ने दो बार 2002 और 2007 में ने महिला प्रत्याशियों पर दांव खेला, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. बीजेपी ने 2002 में सुलोचना गौड़ को टिकट दिया लेकिन कामयाबी नहीं मिली, सुलोचना गौड़ तीसरे नंबर पर रहीं. इस चुनाव में निदर्लयी चुनाव लड़े प्रीतम सिंह पंवार को जीत मिली. यमुनोत्री विधानसभा सीट से बीजेपी ने साल 2007 चुनाव में विमला नौटियाल को टिकट दिया, लेकिन विमला नौटियाल हार गईं. विमला नौटियाल भी तीसरे नंबर पर रहीं. इस चुनाव में जीत कांग्रेस के प्रत्याशी केदार रावत को मिली.
बात करें पुरोला विधानसभा सीट की तो साल 2002 में कांग्रेस ने शांति जुआंठा को टिकट दिया लेकिन शांति जुआंठा हार गईं. जीत बीजेपी प्रत्याशी मालचंद को मिली. बता दें, शांति जुवांठा यूपी में पर्वतीय विकास मंत्री रहे बर्सिया लाल जुवांठा की पत्नी हैं.
महिला नेताओं ने किया समर्थन:साल 2022 में शांति रावत के दावेदारी के बाद अन्य पार्टी की महिला नेताओं ने भी उनका समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पुष्पा चौहान कहती हैं कि आज तक प्रदेश में दो राजनीतिक दलों ने महिलाओं को शुरू से ही बड़ी राजनीति से दूर रखा है. यही कारण है कि महिलाओं में काबिलियत होने के बावजूद भी उन्हें सीढ़ी दर सीढ़ी राजनीतिक परिपक्व नहीं किया गया. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शांति ठाकुर कहती हैं कि महिलाओं को 50 प्रतिशत बराबर के दर्जा देने की बात होती है, लेकिन जनपद ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी आज भी महिलाओं को बैकफुट पर रखा गया है.