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बेजुबानों के दर्द को महसूस करती हैं खुशी नौटियाल, ट्यूशन पढ़ाकर जुटाए पैसों से लगाती है 'मरहम'

Khushi Nautiyal Doing Treatment of Stray Dogs 'जो बोल सकता है, उसकी मदद तो हर कोई कर सकता है, लेकिन बेजुबान मदद नहीं मांग सकता है. इसलिए ट्यूशन पढ़ाकर पैसे जुटाती हैं, फिर उससे दवाइयां खरीदकर बेजुबानों का इलाज करती हूं.' यह कहना है उत्तरकाशी की खुशी नौटियाल का. जो बेजुबान के लिए मसीहा बनकर मदद कर रही हैं.

Khushi Nautiyal of Uttarkashi
उत्तरकाशी की खुशी नौटियाल

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 19, 2023, 6:55 PM IST

Updated : Oct 19, 2023, 7:30 PM IST

बेजुबानों की मददगार बनी खुशी नौटियाल

उत्तरकाशीः आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कम ही लोग ऐसे हैं, जो दूसरे के दर्द को अपना समझ कर उनके लिए वक्त निकालते हैं. साथ ही निस्वार्थ भाव से उनकी मदद के लिए आगे आते हैं. ऐसे ही चुनिंदा लोगों में उत्तरकाशी की खुशी नौटियाल भी शामिल हैं, जो सड़क पर पड़े घायल, बेसहारा और बीमार कुत्तों की मदद करती हैं. जब भी वो किसी लावारिश कुत्तों को घायल या बीमार देखती तो उन्हें अपने घर ले जाकर इलाज करती है. इतना ही नहीं इस काम में खुशी के घर वाले भी उसका साथ देते हैं. जिससे वो बेहद खुश रहती हैं.

कुत्ते का इलाज करती खुशी नौटियाल

बता दें कि ज्ञानसू वार्ड संख्या 10 की निवासी खुशी नौटियाल रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी की बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा हैं. जो बीती 6 सालों से लावारिश कुत्तों की मददगार बनी हुई हैं. खुशी हादसों में घायल और बीमार लावारिस कुत्तों का इलाज करती हैं. उन्हें अपने घर ले जाकर तक तक देखभाल करती हैं, जब तक वो पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते. खुशी ने बताया कि जब से वो नौंवी कक्षा में थी, तभी से इस काम में जुटी है. अब तक खुशी 100 से भी ज्यादा कुत्तों की मदद कर चुकी हैं.

आवारा कुत्तों को खाना खिलाती खुशी नौटियाल
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खुशी नौटियाल बताती हैं कि जो बोल सकता है, उसकी मदद तो कोई भी कर सकता है, लेकिन बेजुबान कुत्ते मदद नहीं मांग सकते हैं. खुशी जब भी कॉलेज, बाजार या एनसीसी के प्रशिक्षण के लिए जाती हैं तो वो सड़क और गली में लावारिस कुत्तों को जरूर देखती हैं. इस काम में उनकी छोटी बहन खुशहाली, मां विजयलक्ष्मी और शिक्षक पिता सुरेंद्र नौटियाल भी सहयोग करते हैं.

खुशी नौटियाल बनीं मसीहा

बैग में हर वक्त रखती है दवाइयां, ट्यूशन से जुटाती हैं पैसेःखुशी अपने बैग में हमेशा जरूरी दवाइया रखती हैं. खुशी नौटियाल ने बताया कि वे बाजार से पीबीडोन आपोडीन, डी वर्मिग के अलावा बुखार आदि की दवाइयां खरीदकर हमेशा साथ रखती हैं. खुशी नौटियाल बताती हैं कि दवाइयां खरीदने के लिए वो ट्यूशन पढ़ाकर पैसा जुटाती हैं.

खुशी नौटियाल के साथ कुत्ते भी खुश
Last Updated : Oct 19, 2023, 7:30 PM IST

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