उत्तरकाशी: पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए एयर एंबुलेंस का खाका प्रदेश सरकार ने जमीन पर उतारा है. मगर, शायद सरकार यह भूल गई कि जब गांव का बीमार व्यक्ति पहले सड़क तक समय पर सुरक्षित पहुंचेगा, उसके बाद भी ही एयर एंबुलेंस की सेवा ले पायेगा. उसके बाद भी सरकार मात्र दिखावे के लिए बड़ी-बड़ी मेडिकल सेवाएं शुरू कर रही है. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. पहाड़ी क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. यहां के मरीजों का जीवन डंडी और कंडी पर ही झूल रहा है.
सीमांत जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं सड़कों के आभाव में वेंटिलेटर पर जा चुकी हैं. ग्रामीण डंडी-कंडी के सहारे मरीज को कई किमी दूर तक कंधों पर लादकर ले जाने को मजबूर हैं. उसके बाद भी मरीज के बचने की कोई गारंटी नहीं है.
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