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मंगशीर्ष बग्वाल: अचानक ढोल-दमाऊ बजाने लगे हरीश रावत, पूर्व विधायक ने भी मिलाया ताल से ताल - Baba Kashi Vishwanath Temple in Uttarkashi

सोमवार को हरीश रावत उत्तरकाशी के मंगशीर्ष बग्वाल में शामिल होने पहुंचे. जहां उन्होंने पारंपरिक वाध्य यंत्र ढोल-दमाऊ बजाकर सबको हैरान कर दिया.

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ढोल-दमाऊ बजाते पूर्व सीएम हरीश रावत.

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Published : Nov 26, 2019, 9:11 AM IST

उत्तरकाशी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने अलग अंदाज से हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी वे काफल पार्टी तो कभी पहाड़ी खीरे और रायते की पार्टी देते दिखाई देते हैं. जिनका स्वाद पक्ष के साथ ही विपक्षी नेता भी लेते दिखाई देते हैं. वहीं सोमवार को हरीश रावत उत्तरकाशी के मार्गशीर्ष की बग्वाल में शामिल होने पहुंचे. जहां उन्होंने पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल-दमाऊ बजाकर सबको हैरान कर दिया.

ढोल-दमाऊ बजाते पूर्व सीएम हरीश रावत.

सोमवार को उत्तरकाशी में मंगशीर्ष बग्वाल की शुरुआत हुई. इस दौरान लोग जौनसारी गीतों पर जमकर थिरके. बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर से जैसे ही बग्वाल की झांकी शुरू हुई, तो एकाएक झांकी के साथ चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आगे आये और जौनसारी कलाकारों से वाद्य यंत्र ढोल- दमाऊ मांगा और बजाने लगे. पूर्व सीएम को ढोल-दमाऊ बजाता देख सब हैरान रह गए. उनके साथ पूर्व विधायक गंगोत्री विजयपाल सजवाण ने भी ढोल-दमाऊ बजाना शुरू कर दिया.

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इस दौरान दोनों नेता ताल मिलाते दिखाई दिए. कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ता भी अपने नेताओं को ढोल-दमाऊ बजाता देख झूम उठे. इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने उम्र के तकाजे को देखते हुए दमाऊ बजाया तो जवानविजयपाल ने ढोल बजाया. कहा कि वाद्य यंत्रों को बजाकर उन्होंने देवी- देवताओं का आह्वान किया, क्योंकि पहाड़ में वाद्य यंत्र देवी देवताओं के आह्वान के मुख्य साधन हैं. बता दें कि भले ही केन्द्र और प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में न हो लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत को समय-समय पर सुर्खियों में बने रहना आता है. जिसे उनकी राजनीतिक कुशलता से जोड़कर देखा जाता है.

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