उत्तरकाशीः कोरोना काल में अन्य राज्यों से प्रवासी अपने गांवों को लौट रहे हैं. लेकिन शासन और प्रशासन की लापरवाही और आधी-अधूरी तैयारियों के कारण ये लोग अपने गांव में भी बेगाने होकर रह गए हैं. इसकी बानगी डुंडा ब्लॉक में देखने को मिल रही है. जहां इन प्रवासियों को गांव के जंगल में बनी छानियों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. जहां पर न ही शौचालय की व्यवस्था है, न ही पीने का पानी. वहीं, छानी क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को रात में जंगली जानवरों का खतरा भी सता रहा है.
जानकारी के मुताबिक, डुंडा ब्लॉक के उपरीकोट गांव में तीन दिन पहले ही पांच प्रवासी युवा गांव लौटे थे. स्कूल में स्थान पूरा होने के बाद अब इन्हें जंगलों में बने छानियों (जंगलों और खेतों में बनाए गए घर या गौशाला) में क्वारंटाइन रहना पड़ रहा हैं. क्वारंटाइन में रह रहे युवकों का कहना है कि उनके सोने के लिए भी स्थान नहीं है. पत्थरों के ऊपर किसी प्रकार रहना पड़ रहा है. साथ ही शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है. जबकि, जंगल में होने के कारण जंगली जानवरों का खतरा भी बना हुआ है.