उत्तरकाशी: उत्तराखंड में नए साल के आगाज के साथ ही मौसम का मिजाज भी बदल गया. प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होनी शुरू हो गई. इस बर्फबारी से पर्यटकों और कारोबारियों के साथ काश्तकारों के भी चेहरे खिले गए. क्योंकि इस सीजन में अभीतक बर्फबारी नहीं होने से सेब काश्तकार काफी मायूस थे. उन्हें फसल खराब होने का डर सता रहा था, लेकिन तीन जनवरी को हुई बर्फबारी ने काश्तकार के चेहरे की रौनक लौटा दी है.
बर्फबारी में यूं निखरी हर्षिल घाटी की खूबसूरती, बर्फ से ढकीं उत्तरकाशी की वादियां - साल की पहली बर्फबारी
उत्तराखंड में साल की पहली बर्फबारी हुई. उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी के साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की चोटियां भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं. इसके अलावा टकनौर क्षेत्र में बर्फ की फुहारे गिरी हैं. पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद मैदानी इलाको में भी तापमान नीचे चला गया है.
उत्तराखंड में काश्तकार के साथ ही पर्यटन कारोबारी और सैलानी भी बड़ी ब्रेसबी से बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे. हालांकि भगवान ने उनकी ये मुराद सुन ली और उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी और गंगोत्री धाम में सीजन का दूसरा हिमपात हुआ. वहीं यमुनोत्री धाम में भी सीजन की पहली बर्फ गिरी. इसके अलावा निचला टकनौर क्षेत्र के पर्यटन ग्राम रैथल में भी बर्फ की फाहें गिरी, जिससे यहां अगले कुछ दिनों में बर्फबारी होने की उम्मीदें बढ़ गई है.
पढ़ें-कश्मीर में बर्फबारी से ढकी कोकेरनाग घाटी, पर्यटकों ने उठाया लुत्फ
पहाड़ों की हुई ताजा बर्फबारी से मौसम का मिजाज में बड़ा बदलाव देखा गया है. निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई है, जिसका असर मैदानी इलाकों में भी देखा जा रहा है. ठंड के मारे लोग घरों में दुबकने लगे हैं. स्थानीय निवासी मोहन राणा ने बताया कि बर्फबारी होती है तो इससे खेती को पर्याप्त नमी मिलेगी. साथ ही सेब के पेड़ों को भी लाभ होगा. उधर, यमुनोत्री धाम में दोपहर बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई. जिससे बड़कोट तहसील क्षेत्र में दोपहर बाद ठंडी हवा के साथ कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है.