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ओलावृष्टि से किसानों पर दोहरी मार, नकदी फसल के साथ सेब के बगीचे भी बर्बाद - Uttarkashi news

उत्तरकाशी जनपद में लगातार हो रही ओलावृष्टि और अतिवृष्टि ने किसानों के चेहरे पर मायूसी ला दी है. इससे नकदी फसलों के साथ-साथ सेब के पौधों को काफी नुकसान हुआ है.

फसल बर्बाद
फसल बर्बाद

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Published : May 6, 2020, 8:16 AM IST

Updated : May 6, 2020, 12:44 PM IST

उत्तरकाशी: पहाड़ों में लगातार हो रही ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. कोरोना काल में जहां जीवन बचाने की जद्दोजहद चल रही है, वहीं मौसम की नाराजगी ने अब अन्नदाताओं के चेहरे पर मायूसी ला दी है. ओलावृष्टि के कारण काश्तकारों की खड़ी फसल नष्ट हो रही है, जिस कारण उनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. किसान प्रदेश सरकार से नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं.

ओलों ने बर्बाद कर दीं फसलें और फल.

जनपद की सभी 6 तहसीलों के काश्तकारों पर पिछले 10 दिन से मौसम की मार पड़ रही है. हर दिन बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है. इसके साथ ही नकदी फसलों को भी अत्यधिक नुकसान पहुंचा है. आराकोट बंगाण क्षेत्र में सेब के पौधों और पेड़ों को भी ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है, जिससे अब बागवान भी चिंतित नजर आ रहे हैं.

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ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत का कहना है कि उनके विकासखण्ड की सभी पट्टियों में ओलावृष्टि के कारण काश्तकारों पर दोहरी मार पड़ी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से काश्तकारों के नुकसान की भरपाई की मांग की है. बंगाण क्षेत्र के सेब बागवान मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि गत वर्ष आपदा ने सेब के उत्पादन को नुकसान पहुंचाया. इस वर्ष अब ओलावृष्टि सेब की पैदावार को नुकसान पहुंचा रही है.

Last Updated : May 6, 2020, 12:44 PM IST

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