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उत्तरकाशी एवलॉन्च: जिन पहाड़ों ने देश दुनिया में फैलाया नाम, उन्हीं ने ली सविता और नवमी की जान - uttarkashi latest hindi news

द्रौपदी का डांडा-2 (डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र, उत्तरकाशी) में एवलॉन्च हादसे में उत्तरकाशी की दो बेटियां हिमालय की गोद में सदा के लिए लीन हो गईं. पर्वतारोहण के क्षेत्र में चर्चित नाम बनकर उभरी लोंथरु गांव की 24 वर्षीय एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल और भुक्की गांव की नवमी रावत हमेशा उत्तरकाशी के लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी.

Uttarkashi Avalanche
उत्तरकाशी एवलॉन्च

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Published : Oct 6, 2022, 7:39 AM IST

उत्तरकाशी:द्रौपदी का डांडा-2 में हुए एवलॉन्च हादसे में उत्तरकाशी की दो बेटियां सदा के लिए हिमालय की गोद में लीन हो गईं. पर्वतारोहण के क्षेत्र में चर्चित नाम बनकर उभरी लोंथरू गांव की 24 वर्षीय एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल और भुक्की गांव की नवमी रावत हमेशा उत्तरकाशी के लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी. रोमांच और साहस की दुनिया में जब कभी भी पर्वतारोहण का जिक्र होगा, सविता कंसवाल और नवमी रावत का नाम जरूर लिया जायेगा.

पर्वतारोही सविता कंसवाल की एवलॉन्च में मौत से पूरा उत्तरकाशी सदमे में है. सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत का सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था. बीती मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के दौरान गई सविता की एवलॉन्च में दबने से मौत हो गई. सविता एक कुशल पर्वतारोही थीं. लिहाजा सब हैरान हैं कि सविता के साथ ऐसा कैसे हो गया?

लोंथरू या उत्तरकाशी ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के साथ ही देश भी सविता के जज्बे को सलाम कर रहा है. मंगलवार देर शाम निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की और फिर ये साफ हो गया कि उत्तरकाशी ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक उभरती हुई सितारा खो दी है. गांव की इस बेटी का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा. चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की का सहारा थीं. वह घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थीं.

दूसरी तरफ, भटवाड़ी के भुक्की गांव की पर्वतारोही नवमी रावत (24 वर्ष) भी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं. पर्वतारोहण के क्षेत्र में नवमी ने भी ठीक ठाक पहचान बनाई लेकिन दुर्भाग्य ने उनको अपनों से छीन लिया. गंगाघाटी में नवमी एक अच्छे प्रशिक्षक के तौर पर जानी जाती थीं. उन्होंने भी निम से पर्वतारोहण के गुर सीखे. लोग बताते हैं कि नवमी के पिता भी निम में ही काम करते हैं और उनके भाई जितेंद्र भी एक कुशल पर्वतारोही हैं. इसके अलावा नवमी एक अच्छी गायिका भी थीं. एवलॉन्च हादसे में दोनों पर्वतारोहियों की असामयिक मौत पर उत्तरकाशी स्तब्ध है.
पढें- उत्तरकाशी एवलॉन्च: 10 शव बरामद, 14 पर्वतारोहियों को किया रेस्क्यू, 20 की तलाश जारी

विभिन्न संगठन के लोगों ने जताया शोक:उत्तरकाशी के विभिन्न सामाजिक व राजनीति संगठनों के लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है. गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष भूपेंद्र चौहान, नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष रमेश चौहान, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता यशपाल वशिष्ठ, लोकेंद्र सिंह बिष्ट, सभासद महावीर चौहान, गीता गैरोला, सरिता पडियार, किरण पंवार, रेडक्रॉस के चेयरमैन माधव प्रसाद जोशी आदि तमाम संगठनों से जुड़े लोगों ने सविता और नवमी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया.

44 पर्वतारोहितों में 14 को बचाया:उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला पर्वतारोहियों का दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था. उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 44 पर्वतारोहियों में से 14 को बचाया गया. वहीं, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है. 10 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए जा चुके हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने मुआवजे की घोषणा भी कर दी है. मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए मिलेंगे.

सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी में एवलॉन्च की चपेट में आए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रशिक्षणार्थियों के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया. इससे पहले सीएम धामी ने आईटीबीपी गेस्ट हाउस मातली में अधिकारियों की बैठक ली और घटनास्थल की जानकारी ली. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. साथ ही घायलों का बेहतर इलाज करने को कहा.

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