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चिन्यालीसौड़ के चार गांवों की जल्द दूर होगी पेयजल किल्लत, 5.69 करोड़ से चल रहा पंपिंग योजना का कार्य

Water Problem उत्तरकाशी जिले के कई गांवों के लोगों को पेयजल संकट से आए दिन जूझना पड़ता है. वहीं जल संस्थान विभाग इन सभी गांवों को पेयजल किल्लत से निजात दिलाने के लिए करोड़ों की योजना पर कार्य कर रहा है. वहीं योजना का 80 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है, जल्द ग्रामीणों को शुद्ध जलापूर्ति की जाएगी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 6, 2024, 12:38 PM IST

उत्तरकाशी: पिछले डेढ़ दशक से पेयजल किल्लत का सामना कर रहे प्रखंड के इंद्रा, टिपरी, मथोली व बरेठ गांवों को मार्च माह से शुद्ध जलापूर्ति शुरू हो जाएगी. जल संस्थान इन गावों के लिए 5.69 करोड़ रुपए की लागत से पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण कर रहा है. जिसका 80 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और मार्च तक योजना का काम पूरा होने की उम्मीद है.

विकासखंड चिन्यालीसौड़ की बिष्ट पट्टी के इंद्रा, टिपरी, मथोली और बरेठ गांव पिछले डेढ़ दशक से पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं. गर्मियों में इन गांवों में सबसे ज्यादा पेजयल किल्लत होती है. जिसके चलते खच्चरों व टैंकरों से जलापूर्ति की जाती है. समस्या को देखते हुए उक्त गांवों के लिए जल संस्थान की ओर से भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत कल्याणी गदेरे से पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है. 569.54 लाख रुपए की इस योजना से उक्त चार गांवों की 2685 जनसंख्या को पीने का पानी मिलेगा. योजना का निर्माण होने से ग्रामीणों को साल 2053 तक पेयजल किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा.
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तीन पंपिंग स्टेशन वाली इस योजना का 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. वर्तमान में करीब 1200 मीटर की ऊंचाई पर जगदेई मंदिर में 160 केएल की क्षमता से वितरण टैंक का निर्माण किया जा रहा है. योजना की लंबाई 4 किमी है. कौड़ा में ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के बाद रेणुका मंदिर में दूसरे चरण का टैंक का निर्माण किया जा गया है. योजना का निर्माण सितंबर 2022 में शुरू हुआ था. जोकि मार्च 2024 में पूरा होगा. योजना से 200 एलपीएम की गति से वॉटर डिस्चार्ज होगा. जल संस्थान के ईई एलसी रमोला ने बताया कि यह जनपद की पहली मल्टी स्टेट पंपिंग योजना है. जिसका निर्माण मार्च तक पूरा हो जाएगा. इससे चार गांवों के ग्रामीणों को शुद्ध जलापूर्ति होगी.

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