देहरादूनःउत्तरकाशी के करीब 15 जिला पंचायत सदस्यों ने मीडिया के सामने आकर जिला पंचायत उत्तरकाशी में बरती जा रही घोर अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस संबंध में बीते रोज पंचायत प्रदेश संगठन अध्यक्ष प्रदीप भट्ट के नेतृत्व में जिला पंचायत सदस्यों ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की और जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी के खिलाफ कार्रवाई ना होने की सूरत में सामूहिक इस्तीफा दिए जाने की चेतावदी दी. जिला पंचायत सदस्य ने सीएम से आग्रह किया है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्टे ऑर्डर को वैकेट करवाया जाए.
प्रदीप भट्ट का कहना है कि राज्य सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. लेकिन उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष की एसआईटी जांच सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े कर रही है. क्योंकि जांच कछुआ गति से चल रही है, आलम यह है कि पत्रावलियों की फोटो कॉपी लेने में ही एसआईटी को 7 माह लग गए. उन्होंने उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नियोजन और विकास समिति की बैठकें फर्जी तरीके से और सदस्यों को गुमराह करके दिखाई गई है.
प्रदीप भट्ट ने कहा कि नियोजन विकास समिति की पहली बैठक में 1234 निर्माण योजनाओं की स्वीकृति और अनुमोदित किया जाना गंभीर भ्रष्टाचार है. उन्होंने कहा कि नियोजन एवं विकास समिति के कुछ सदस्यों ने सचिव पंचायती राज को शपथ पत्र प्रस्तुत करके बताया है कि योजन विकास समिति द्वारा अनुमोदित 1234 योजनाओं के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और उनके हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से किए गए हैं. ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के साथ केवल चंद जिला पंचायत सदस्य भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जो नियोजन विकास समिति के सदस्य भी हैं.
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