उत्तरकाशी:आज से भगवान शिव की विशेष आराधना के लिए सावन मास का शुभारंभ हो गया है. सावन माह में शिवभक्ति का विशेष महत्व है. देवभूमि उत्तराखंड को शिव की भूमि कहा गया है. आज भी शिव विभिन्न रूपों में उत्तराखंड के आराध्य देव हैं. मान्यता है कि उत्तरकाशी में सावन माह में भगवान शिव मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाते हैं.
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कहा जाता है कि इदं काशी तत काशी सर्वत्र पूज्यते. मतलब देश की दोनों काशियों में भगवान शिव की महिमा एक जैसी ही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव कलयुग में उत्तर की काशी उत्तरकाशी में बस गए थे. जिसे पुराणों में सौम्यकाशी भी कहा गया है. भगवान शिव सावन माह में बिल्कुल शांत स्वभाव में रहते हैं. वहीं जो भी भक्त शिव की सच्चे मन से भक्ति करता है. भगवान शिव उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.