देहरादून/उत्तरकाशी: बीते 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में विजय संकल्प रैली आयोजित की. इसके बाद भाजपा ने इस रैली के जोश को कार्यकर्ताओं और जनता के बीच पहुंचाने के लिए विजय संकल्प यात्रा शुरू की थी. 19 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं से विजय संकल्प यात्रा का शुभारंभ बागेश्वर से किया था. इस यात्रा का समापन 4 जनवरी को खटीमा में हो गया है. वहीं, आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी की विजय संकल्प यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए उत्तरकाशी आएंगे. राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
विजय संकल्प यात्रा की शुरूआत गढ़वाल में 18 दिसंबर को हरिद्वार से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी. इसका समापन आज उत्तरकाशी में किया जा रहा है. जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे. राजनाथ सिंह मातली हेलीपैड से कार्यक्रम स्थल जोशियाड़ा तक सड़क मार्ग से होते हुए आएंगे. जानकारी के मुताबिक, राजनाथ सिंह बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगे.
क्यों हैं खास: पार्टी विजय संकल्प यात्रा के शुभारंभ और समापन के लिए खास सीटों का चयन कर रही है. हरिद्वार से यात्रा का शुभारंभ हुआ था, जो प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की विधानसभा सीट है. वहीं, अब पार्टी गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री सीट पर इस यात्रा का समापन कर रही है.
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गंगोत्री सीट का उत्तराखंड की राजनीति और विधानसभा में अहम रोल रहता है. 21 साल में ये मिथक अब तक टूटा नहीं है कि जिस पार्टी का विधायक गंगोत्री से जीतकर आया, सरकार उसी दल ने बनाई. ऐसे में अब बीजेपी का गंगोत्री सीट पर फोकस है.
इस बार गंगोत्री सीट पर समीकरण बदले हुए हैं. गंगोत्री सीट पर 2017 में भाजपा के गोपाल रावत विधायक चुनकर आए थे, लेकिन हाल ही में उनका निधन हो गया. अब भाजपा के लिए इस सीट पर प्रत्याशी का चयन करना सबसे मुश्किल माना जा रहा है. ऐसे में आज गंगोत्री सीट पर दावेदारी को लेकर भी शक्ति प्रदर्शन होना तय है. इसके अलावा गंगोत्री सीट पर सैनिक वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उत्तरकाशी में जनसभा को संबोधित करना भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
4500 किमी की यात्रा तय हुई: पूरे प्रदेश में संकल्प यात्रा ने 4500 किमी की दूरी तय की है. जिसमें गढ़वाल मंडल में 2660 और कुमाऊं मंडल में 1890 किमी की दूरी तय हुई है. इस दौरान 2022 के चुनाव के लिए प्रदेश के लोगों की राय से संकल्प पत्र तैयार किया गया है. इसके लिए प्रत्येक शक्ति केंद्रों पर सुझाव पेटी रखी गई थी. इसके अलावा विजय संकल्प यात्रा के दौरान भी एलईडी रथों पर भी संकल्प पत्र के लिए सुझाव पेटी रखी गई थी.
बना हुआ है मिथक: गंगोत्री विधानसभा सीट को लेकर लोगों के बीच एक मिथक आज भी कायम है कि जो प्रत्याशी इस सीट से जीतता है सरकार उसी की बनती है. 1958 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव में भी यही देखा गया है. 2002 में नए राज्य के गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव से यह मिथक जस का तस बना रहा.