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उत्तरकाशी में आपदा से 47 हजार लोग प्रभावित, बदरीनाथ में फंसे 800 से ज्यादा श्रद्धालु - उत्तराखंड में भारी बारिश

उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. अब तक 10 लोगों की मौत की मौत हो गई है. तो वहीं, भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी गई है.

उत्तरकाशी

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Published : Aug 19, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Aug 19, 2019, 3:49 PM IST

उत्तरकाशी:उत्तराखंड में एक बार फिर से आपदा जैसे हालत पैदा हो गये हैं. प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा रोक दी गई है. 800 यात्रियों को बदरीनाथ धाम में ठहराया गया है, तो वहीं उत्तरकाशी जिले में बारिश ने भारी कहर बरपाया है.

उत्तरकाशी जिले में लगातार बारिश और अचानक बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. भारी बारिश से क्षेत्र की नदियों का जलस्तर इतना बढ़ गया है, जिसके करीब दर्जनभर से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. वहीं, आपदा के चलते लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. आपदा को देखते हुए सरकार ने उत्तरकाशी के आराकोट में रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर लगाए हैं. जिसकी मदद से दो घायलों को आराकोट से एयरलिफ्ट किया गया है. इस तबाही में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 7 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहा हैं.

भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा रोक दी गयी है. 800 यात्रियों को बदरीनाथ धाम में ठहराया गया है. जोशीमठ, पांडुकेश्वर और गोविंदघाट में भी श्रद्धालुओं को रोका गया है. बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. उत्तरकाशी जिले के 47 हजार से ज्यादा लोग आपदा से प्रभावित हुए हैं.

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उत्तरकाशी जिला मुख्यालय का देहरादून से संपर्क कट चुका है. मलबा और पत्थर आने से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे समेत जिले के डेढ़ दर्जन मोटरमार्ग बाधित हो गये हैं.

बादल फटने से अबतक 10 की मौत

वहीं, चमोली में बारिश के चलते 19 सम्पर्क मार्ग और 200 पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये हैं. अलकनंदा के कटाव से मैठाणा गांव खतरे में है.

जौनसार बावर क्षेत्र में भी लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश से क्षेत्र की 32 सड़कें बंद हो गयी हैं. सड़कों के बंद होने से क्षेत्र के 120 गांव का विकासनगर से संपर्क कट चुका है.

पछवादून की चार जल विद्युत परियोजनाओं में बिजली उत्पादन ठप हो गया है. टोंस ओर यमुना नदी में सिल्ट की मात्रा बढ़ने से यह परेशानी आई है.

  1. 240 मेगावाट के छिबरो
  2. 120 मेगावाट के खोदरी
  3. 33.75 मेगावाट के ढकरानी
  4. 51 मेगावाट के ढालीपुर
Last Updated : Aug 19, 2019, 3:49 PM IST

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