उत्तरकाशी: करीब 10 हजार से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर काम करते मजदूरों के नन्हें- मुन्ने बच्चे, जिनके लिए गरीबी और मजबूरियों के कारण स्कूल देखना एक सपना जैसा है. उन बच्चों के लिए बीआरओ के दो जवानों ने एक अनोखी क्लास शुरू की है. यह क्लास बॉर्डर रोड के किनारे पत्थरों और टेंटों के बीच लगती है. यहां बच्चे अ, आ, एबीसीडी सहित महीनों के नाम सीख रहे हैं. यह पहल BRO के जेई राहुल यादव और सूबेदार संदेश पंवार ने शुरू की है. इनकी इस पहल को अब BRO के अधिकारियों ने भी सराहा है.
पिछले 20 दिनों से भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के मजदूर सुबह होते ही काम पर निकल जाते हैं. इस दौरान उनके लिए अपने बच्चों को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होता है, लेकिन अब ये लोग निश्चिन्त होकर काम पर जाते हैं, क्योंकि इनके बच्चे अपनी पाठशाला में पढ़ रहे हैं.
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