उत्तरकाशी:भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ते तापमान के कारण पिघल रहे ग्लेशियर की वजह से काफी बढ़ गया है. इस बढ़े हुए भागीरथी नदी के जलस्तर के बावजूद भी तिलोथ से लेकर मनेरा तक जानलेवा अवैध खनन बदस्तूर जारी है. उफान पर बह रही नदी के बीच रेत लाने के लिए खच्चरों को पार करवाया जा रहा है. खनन कर रहे मजदूर भी जान जोखिम में डालकर नदी के बीचों-बीच टापुओं पर खनन कर रहे हैं. सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी स्थिति में कोई बड़ा हादसा हो जाता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
ईको सेंसटिव जोन के तहत भागीरथी नदी में खनन को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. इसके बावजूद धड़ल्ले से हो रहे इस जानलेवा अवैध खनन के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक तो गर्मी की वजह से ग्लेशियरों का पिघल रहे हैं दूसरी ओर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से भी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में खनन कर रहे मजदूर और बेजुबान खच्चरों के साथ कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.