उत्तरकाशी:उद्यान विभाग की ओर से उत्तरकाशी जनपद में पादप सवर्धन प्रयोगशाला (Plant tissue culture lab) बनकर तैयार हो गई है. जहां पर उद्यान विभाग के विशेषज्ञ सेब की क्लोनल रूट स्टॉक, कीवी की हेवर्ड और टमोरी किस्म की पौध तैयार कर रहे हैं.
प्रयोगशाला में तैयार पौध का सीधा लाभ काश्तकारों को मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें किसी फल या अन्य फसल का रूट स्टॉक जनपद में ही उपलब्ध हो जाएगा. फलों के उत्पादन में लगने वाले समय की बचत और जल्दी उत्पादन से काश्तकारों को इसका आर्थिक लाभ मिलेगा.
उद्यान विभाग जिस सेब और कीवी की पौध तैयार कर रहा है, वह रोगमुक्त होंगे. क्योंकि यह पौध रासायनिक तरीके से तैयार की जा रही है. साथ ही अब काश्तकारों को हिमाचल प्रदेश या फिर अन्य स्थानों पर हाइब्रिड पौध के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
रोग मुक्त होंगे लैब में तैयार पौधे
लैब प्रभारी श्रीपाल सिंह कैंतुरा ने बताया कि इस तकनीक से किसी भी पेड़ की जड़, तने और पत्तियों से पौध तैयार की जा सकती हैं. इसके लिए नेताला में बनी पादप सवर्धन प्रयोगशाला में सेब और कीवी की पौध तैयार होना शुरू हो गई है. यह सभी पौधे रोगमुक्त होंगे.
काश्तकारों को कम दाम पर दिये जाएंगे पौधे
श्रीपाल सिंह ने कहा कि जिस बीज को कलम बनने में काश्तकार के 2 से 3 साल लग जाते हैं, उस पौध की कलम लैब में तैयार मिलेगी, जिससे काश्तकार का समय बचेगा. साथ ही लैब में एक साल में 3000 पौध तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. काश्तकार को एक पौधा ₹250 में दिया जाएगा.