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टिशू कल्चर लैब में तैयार हो रही सेब और कीवी की पौध, काश्तकारों को मिलेगा लाभ - सेब की पौध

उत्तरकाशी जनपद में पादप सवर्धन प्रयोगशाला (Plant tissue culture lab) में कीवी और सेब के रोग मुक्त पौध तैयार किए जा रहे हैं. इस पौध के तैयार होने से सेब और कीवी का उत्पादन बढ़ेगा.

Plant tissue culture lab
Plant tissue culture lab

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Published : Jun 20, 2021, 9:40 AM IST

Updated : Jun 20, 2021, 12:25 PM IST

उत्तरकाशी:उद्यान विभाग की ओर से उत्तरकाशी जनपद में पादप सवर्धन प्रयोगशाला (Plant tissue culture lab) बनकर तैयार हो गई है. जहां पर उद्यान विभाग के विशेषज्ञ सेब की क्लोनल रूट स्टॉक, कीवी की हेवर्ड और टमोरी किस्म की पौध तैयार कर रहे हैं.

प्रयोगशाला में तैयार पौध का सीधा लाभ काश्तकारों को मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें किसी फल या अन्य फसल का रूट स्टॉक जनपद में ही उपलब्ध हो जाएगा. फलों के उत्पादन में लगने वाले समय की बचत और जल्दी उत्पादन से काश्तकारों को इसका आर्थिक लाभ मिलेगा.

टिशू कल्चर लैब में सेब और कीवी की पौध तैयार.

उद्यान विभाग जिस सेब और कीवी की पौध तैयार कर रहा है, वह रोगमुक्त होंगे. क्योंकि यह पौध रासायनिक तरीके से तैयार की जा रही है. साथ ही अब काश्तकारों को हिमाचल प्रदेश या फिर अन्य स्थानों पर हाइब्रिड पौध के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

रोग मुक्त होंगे लैब में तैयार पौधे

लैब प्रभारी श्रीपाल सिंह कैंतुरा ने बताया कि इस तकनीक से किसी भी पेड़ की जड़, तने और पत्तियों से पौध तैयार की जा सकती हैं. इसके लिए नेताला में बनी पादप सवर्धन प्रयोगशाला में सेब और कीवी की पौध तैयार होना शुरू हो गई है. यह सभी पौधे रोगमुक्त होंगे.

रोग मुक्त होंगे पौधे.

काश्तकारों को कम दाम पर दिये जाएंगे पौधे

श्रीपाल सिंह ने कहा कि जिस बीज को कलम बनने में काश्तकार के 2 से 3 साल लग जाते हैं, उस पौध की कलम लैब में तैयार मिलेगी, जिससे काश्तकार का समय बचेगा. साथ ही लैब में एक साल में 3000 पौध तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. काश्तकार को एक पौधा ₹250 में दिया जाएगा.

लैब में तैयार पौध से बढ़ेगी पैदावार.

काश्तकारों को जनपद में ही उपलब्ध होगी पौध

प्रयोगशाला के प्रभारी श्रीपाल सिंह का कहना है कि जनपद में हर्षिल घाटी, आराकोट, मोरी, नौगांव क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है. काश्तकारों को हाईब्रिड सेब की पौध के लिए हिमांचल प्रदेश और अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है. अब वह पौध काश्तकारों को उत्तरकाशी में ही उपलब्ध होगी. साथ ही सेब के उत्पादन बढ़ने के साथ ही काश्तकारों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

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अगले दो माह में सेब और कीवी की 800 पौध तैयार

मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. रजनीश ने बताया कि प्रयोगशाला में अगले दो माह में सेब और कीवी की 800 पौध तैयार की जाएगी, जिसे जनपद में काश्तकारों को वितरित किया जाएगा.

लेब में 800 पौध की जा रही तैयार.

काश्तकारों को होगा आर्थिक फायदा

बता दें, उत्तरकाशी जनपद में हर साल 20 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. सेब काश्तकार खुशहाल सिंह नेगी का कहना है कि सेब की हाईब्रिड पौध लाने के लिए काश्तकारों को काफी धन खर्च करना पड़ता है लेकिन अब यहीं पर हाईब्रिड और रोगमुक्त पौध मिलेंगे. ऐसे मं काश्तकारों को सेब के उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ अच्छा मुनाफा होगा. वहीं उत्तरकाशी के सेब को भी अलग पहचान मिलेगी.

Last Updated : Jun 20, 2021, 12:25 PM IST

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