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भागीरथी नदी के तेज बहाव में बही 'मौत की पुलिया', घने जंगलों के बीच जान जोखिम में डाल कर रहे सफर - लोकसभा चुनाव

भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगोरी से स्युणा गांव के लिए बनी अस्थाई पुलिया बह गई है. जिससे स्युणा गांव के लोगों को बरसात आने से पहले ही फजीहत झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों को सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए करीब छह से सात किलोमीटर के घने जंगल से होकर गुजरना पड़ रहा है.

स्युणा गांव में पुल की सुविधा नहीं

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Published : Mar 30, 2019, 7:12 PM IST

उत्तरकाशीःजिला मुख्यालय से महज चार किमी की दूरी पर स्थित स्युणा गांव में बनाई गई अस्थाई पुलिया भागीरथी नदी के तेज बहाव में बह गई है. जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण करीब 6 से 7 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों और घने जंगलों से मुख्य सड़क तक पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों ने मामले को लेकर शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, मामले पर प्रशासन बेखबर बना हुआ है.

जानकारी देते स्थानीय ग्रामीण.


दरअसल, शनिवार को भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगोरी से स्युणा गांव के लिए बनी अस्थाई पुलिया बह गई. जिससे स्युणा गांव के लोगों को बरसात आने से पहले ही फजीहत झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों को सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए करीब छह से सात किलोमीटर के घने जंगल से होकर गुजरना पड़ रहा है. पैदल मार्ग भी आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद से अभी तक मार्ग नहीं बनाया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर आवाजाही करना खतरे से खाली नहीं है. यहां पर लगातार जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है.

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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मामले को लेकर वे शासन-प्रशासन के दरवाजे खटखटा चुके हैं, लेकिन उनकी गुहार नहीं सुनी जा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों, बच्चों और महिलाओं को हो रही है. साथ ही बताया कि अप्रैल महीने में गांव में कई शादियां भी हैं. ऐसे में उनके सामने आवाजाही के साथ कई चुनौतियां सामने आ रही हैं.

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