उत्तरकाशी:हर घर नल हर घर जल मिशन योजना को कार्यदायी संस्थाएं व ठेकेदार पलीता लगाने में लगे हैं. योजना का मोरी क्षेत्र के दूर दराज गांव में क्या हश्र हो रहा है, इसका अंदाजा मोरी प्रखंड के फते पर्वत पट्टी के बरी गांव में 24 लाख रुपए की लागत से बिछाई जा रही पेयजल लाइन से लगाया जा सकता है. जबकि गांव में 85 परिवार निवास करते हैं.जहां आठ वर्ष पहले बिछाई स्वजल पाइप लाइन को उखाड़ कर ठेकेदार पर उन्हीं पाइपों से हर घर नल हर घर जल मिशन में लगाने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है.
आरोप है कि योजना के तहत खानापूर्ति के लिए खरीदे गए कुछ पाइप धौला व गांव के आसपास गाड़-गदेरों में जंग खा रहे हैं. हर-घर नल-हर घर जल मिशन के अंतर्गत मोरी के फटे पर्वत के बरी गांव में प्रथम फेस में 24 लाख रुपए की लागत से 85 परिवारों को पेयजल कनेक्शन होने हैं. कार्यदायी संस्था जल संस्थान ने सात माह पूर्व निविदाओं के बाद ठेकेदारों ने आठ वर्ष पूर्व स्वजल योजना तहत बने पाइप उखाड़कर उन्हीं नलों को योजना में दिखा दिया.
गाड़-गदेरों में पड़े पेयजल पाइप पढ़ें- उत्तरकाशी: पेयजल आपूर्ति न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कर्मचारियों को बनाया बंधक ग्रामीण काफी समय से जिलाधिकारी से मामलें की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.बरी गांव पूर्व प्रधान रोशन भारती, सुर्तलाल जुवांठा, कर्मचंद अनील कुमार,चांदिया, प्यार दास, सरदार सिंह आदि ने आरोप लगाया कि योजना के तहत कार्यदायी संस्था ने कुछ पाइप खरीदें जो गाड़ गदेरों में पड़े जंग खा रहे हैं. वहीं ठेकेदारों-अधिकारियों ने मिली भगत कर आठ वर्ष पूर्व की स्वजल की लाइन उखाड़कर उन्हीं पाइपों को फिर बिछा दिया गया.
कहा कि मूल स्रोत से न तो पाइप लाइन दबाई गई है, न ही अधिकांश परिवारों को कनेक्शन दिए गए. जबकि आज भी पाइप खुले छोड़ रखे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि मामले में क्षेत्रीय विधायक,जिलाधिकारी, एसडीएम व संबंधित अधिकारियों से कई बार मामले की उच्चस्तरीय जांच को लेकर शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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वहीं निर्माण खंड जल संस्थान पुरोला अधिशासी अभियंता संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि मोरी बरी गांव में हर घर जल हर घर नल में मिशन में प्रयुक्त पाइप एवं सामग्री में गड़बड़ी को लेकर शिकायत उनके संज्ञान में है. प्रथम दृष्टया मामला आपसी लड़ाई का प्रतीक होता है व मामले की स्थलीय जांच के लिए विभागीय अधिकारी व थर्ड पार्टी टीम भेजी जा रही है. जांच रिपोर्ट आने पर गड़बड़ी को लेकर ठेकेदार व अधिकारी को भी नहीं बख्शा जाएगा.